छग हाई कोर्ट के पूर्व महाधिवक्ता को सुप्रीम कोर्ट से राहतः अगली सुनवाई तक नहीं होगी कार्रवाई

जबलपुर-बिलासपुर यशभारत। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के पूर्व – महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को दो दिन के भीतर जवाब दाखिल करने और चार दिन के भीतर प्रत्युत्तर (रिज्वाइंडर) प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया है कि अगली सुनवाई तक राज्य सरकार उनके खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं करेगी। पूर्व महाधिवक्ता ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। अधिवक्ताओं मुकुल रोहतगी, विवेक तन्खा और वरुण तन्खा ने पैरवी की। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए कि जब तक इस मामले पर 28 फरवरी को अगली सुनवाई नहीं हो जाती, तब तक पूर्व एजी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए।
ईडी के आरोपों पर सवाल, बचाव में पेश किए गए तर्क
याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने कोर्ट के समक्ष तर्क रखा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2015 के एक मामले में आरोप लगाए हैं, जबकि छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व आइएएस अधिकारी अनिल टूटेजा व आलोक शुक्ला से जुड़े प्रकरण पहले ही सुलझाए जा चुके हैं। ईडी ने विना पर्याप्त आधार के पूर्व एजी के खिलाफ नान घोटाले से जुड़े दो अधिकारियों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि कानूनी रूप से किसी भी राज्य के महाधिवक्ता के द्वारा किसी दस्तावेज का मसौदा तैयार करना और उसे स्वयं फाइल करना अनिवार्य नहीं होता। इसकेड बावजूद ईडी ने वर्मा पर यह आरोप लगाया कि उन्होंने कथित रूप से घोटाले से जुड़े दस्तावेज तैया किए।