रवि का मोबाइल ही सुलझाएगा सुसाइडल गुत्थी-सामूहिक आत्महत्या या आत्मघाती संधि
एक सप्ताह बाद भी अबूझ पहेली
जबलपुर। एक सप्ताह रामपुर छापर में बर्मन परिवार के सामूहिक आत्महत्या का मामला अभी तक शहर के लिए अबूझ पहेली बना हुआ है जिसने भी इस मामले को सुना वह भौंचक्का रह गया। अपने आप में यह एक बहुत बड़ी घटना थी जहां एक ही परिवार के पति पत्नी और बच्चे ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली जिसको लेकर तरह-तरह के कयासों का दौर जारी था। आसपास के पड़ोसियों ने परिवार की सभी अच्छी बातों को ही सामने रखा है पड़ोसियों का कहना था कि परिवार के सदस्य बड़े ही मिलनसार थे और उनके द्वारा कभी भी किसी भी कोई समस्या के बारे में जिक्र नहीं किया गया। वहीं दूसरी ओर कुछ पड़ोसियों ने दबे स्वर में रवि को लेकर कुछ ऐसी बातें कहीं जिसको लेकर अभी तक पुलिस द्वारा पुष्टि भी नहीं की गई है। किसी का कहना है कि यह सामूहिक आत्महत्या रवि द्वारा सूदखोरों से प्रताड़ित होकर की गई तो वही कुछ पड़ोसियों का कहना है कि रवि ऑनलाइन सट्टे एवं मैच के सट्टे का शौकीन था और इसी के चलते उस पर कर्ज का बोझ था और उसने इस प्रकार के दबाव में अपने परिवार के साथ सामूहिक आत्महत्या कर ली। परंतु रवि के परिवारजनों ने ऐसी किसी भी बात से इंकार किया है। वहीं रवि के ससुराल वालों ने भी कर्ज़े जैसी किसी बात से इंकार कर दिया।
मोबाइल से जुड़ेगी कड़ी
पुलिस द्वारा रवि का मोबाइल भी जब्त किया गया है जिसमें वर्मन परिवार की आत्महत्या से विभिन्न प्रकार की कड़िया जुड़ सकती है कई प्रकार के खुलासे हो सकते हैं परंतु रामपुर चौकी प्रभारी ने बताया कि पुलिस लगातार छानबीन कर रही है जिसमें की रवि के मोबाइल की सीडीआर बुलवाई गयी है और मोबाइल जो कि लाक है उसे भी क्रेक करने की तैयारी की जा रही है।
आनलाइन सट्टा और आईपीएल सट्टेबाजी का शौक भी हो सकता है मौत की वजह
सूत्रों के अनुसार आत्महत्या के बाद आसपास के क्षेत्रों में रवि के कर्जे को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं जिसमें कि 20 लाख से अधिक कर्जा होने की बात सामने आ रही है दबे स्वर में क्षेत्रवासियों का कहना है कि रवि को कहीं ना कहीं ऑनलाइन सट्टा और आईपीएल सट्टा शौकिया तौर पर खेलने की आदत थी जिसके चलते बड़े स्तर का कर्जा रवि वर्मन पर हो गया था।
पूल मैच खेलने का भी था शौकीन
वहीं दूसरी तरफ रवि के कुछ दोस्तों ने बताया कि रवि को पूल गेम का खेलने का बहुत शौक था जिसके लिए वह क्लबों में जाता था और 10 ,15 ,20 हजार का शर्तिया तौर पर पूल गेम खेला करता था।
एक दिन पहले पूरा परिवार गया था डामीनोज
सोशल मीडिया के इंस्टाग्राम प्रोफाइल बर्मन परिवार की फोटो आत्महत्या के 1 दिन पहले की है जिसमें पूरा परिवार डोमिनोस में बैठा हुआ है फोटो देखकर ऐसा कुछ प्रतीत नहीं होता कि 1 दिन बाद परिवार द्वारा इस प्रकार से सामूहिक आत्महत्या हत्या की जाएगी।
क्या कहते हैं ऐसे मामलों के जानकार
आत्महत्या समझौता दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच आत्महत्या करके मरने की एक सहमत योजना है। योजना एक साथ मरने की हो सकती है, या अलग-अलग और निश्चित समय पर मरने की हो सकती है।वैसे तो सामूहिक आत्महत्या या आत्मघाती संधि इस प्रकार के मामले बहुत कम सुनाई पड़ते हैं परंतु जिस प्रकार से इन्हें अंजाम दिया जाता है उसको लेकर इन मामलों के विशेषज्ञ कहते हैं सामूहिक आत्महत्या के मामलों में लोग आम तौर पर “समानताएं दिखाते हैं” इसलिए मामले का खुलासा करने के लिए “मनोवैज्ञानिक शव परीक्षण” किया जाना चाहिए। आम आदमी के शब्दों में, मनोवैज्ञानिक शव परीक्षण का मतलब पीड़ितों के रिश्तेदारों, दोस्तों और परिचितों के साथ बातचीत करना होगा ताकि यह देखा जा सके कि क्या कोई पैटर्न था – जैसे कि क्या वे एक ही किताब या समान थीम वाली किताबें पढ़ रहे थे या किसी पंथ का हिस्सा थे या किसी तांत्रिक से प्रभावित।
क्या कहते हैं मनोचिकित्सक
मनोचिकित्सक …..निमेष देसाई. के मुताबिक आध्यात्मिकता , अवसाद, कर्जा, उत्पीड़न इन मुद्दों पर कई बार लोग बहकावे में आकर सामूहिक आत्महत्या जैसा कदम उठा सकते हैं। इसे रोकना बेहद मुश्किल है क्योंकि ऐसे लोग अपने कदम के बारे में दूसरे लोगों को प्रतीत नहीं होने देते। डॉ. निमेष देसाई ने बताया कि अगर किसी परिवार के लगभग एक दर्जन लोग आत्महत्या का कदम उठाते हैं तो इसमें 2 से 4 लोग ही अध्यात्मिक बहकावे में सुसाइड के लिए राजी हो सकते हैं। ऐसे में परिवार के अन्य सदस्यों को दवाब में या फिर जज्बात में आत्महत्या के लिए उकसाना संभव है।
मामले को लेकर जांच जारी है। रवि वर्मन के मोबाइल सीडीआर मंगवाई गई है और परिजनों से भी बात हो रही है
जल्द से जल्द पुलिस मामले की तह तक पहुंचेगी
शेष नारायण दुबे
चौकी प्रभारी, रामपुर।