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अंर्तराष्ट्रीय ध्यान दिवस के मौके पर 6वीं बटालियन रांझी में सामूहिक ध्यान शिविर का किया गया आयोजन

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जबलपुर यश भारत। विश्व ध्यान दिवस मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में ध्यान की परिवर्तनकारी शक्ति की वैश्विक याद दिलाने के रूप में महत्वपूर्ण है। 21 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह दिवस लोगों को, खासकर पुलिस बल में लगातार कार्य की परिस्थितियों से उपजे तनाव में ध्यान के माध्यम से, दैनिक जीवन के तनावों के बीच रुकने, चिंतन करने और सचेत रहने के लिए प्रोत्साहित करता है। यह दिन तनाव को कम करने, ध्यान को बढ़ाने और आंतरिक शांति को बढ़ावा देने में ध्यान की भूमिका पर प्रकाश डालता है। ध्यान के अभ्यास में दुनिया भर के लोगों को एकजुट करके, यह सामूहिक शांति और सद्भाव की भावना को बढ़ावा देता है और जीवन जीने के अधिक संतुलित और सचेत तरीके को प्रेरित करता है। इसी कड़ी में पुलिस मुख्यालय भोपाल के निर्देशानुसार दिनांक 21.12. 2024 को अंर्तराष्ट्रीय ध्यान दिवस के उपलक्ष्य में हार्टफुलनेस संस्था एवं भारतीय योग संघ के संयुक्त तत्वाधान में 6 वीं बटालियन के शहीद मल सिंह सभागार में सामूहिक ध्यान सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें बटालियन के सभी राजपत्रित अधिकारी / कर्मचारी, पीटीएस स्टाफ व माननीय उच्च न्यायालय सुरक्षा में पदस्थ कुल 280 अधि० / कर्मचारियों ने 45 मिनट सामूहिक ध्यान सत्र में सम्मिलित होकर तनावमुक्ति एवं ध्यान का व्यवहारिक अभ्यास किया गया।

सी.पी.आर. कार्यशाला का प्रशिक्षण

रिसर्च के अनुसार कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) एक लाइफ सेविंग टेक्निक है, जो हार्ट अटैक (Heart attack) जैसी मेडिकल इमरजेंसी के दौरान अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है। अगर किसी व्यक्ति का हृदय गति रुक जाए तो घर से हॉस्पिटल पहुंचने के दौरान सीपीर जीवन रक्षक की तरह काम करता है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिये 6वीं बटालियन में डीआईजी जबलपुर श्री अतुल सिंह भा.पु.से. की उपस्थिति में डॉ० ए.के. रावत शिशु रोग विशेषज्ञ (पूर्व डीन बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज) एवं उनकी टीम डॉ० राजेश गुप्ता, डॉ० स्वेता आनंद, डॉ० पूर्वी गोहिया, डॉ० स्वेता शर्मा, डॉ० राजेश पाटिल, डॉ० राजेश मेकले, डॉ० ज्योति गुप्ता व डॉ० मुकेश कुमार द्वारा बटालियन के अधि० / कर्मचारियों के लिये शहीद मल सिंह सभागार में एक दिवसीय सी.पी.आर. प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन कराया गया, जिन्होने सीपीआर के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि, जब व्यक्ति का हार्ट पम्प करना बंद कर देता है, तब इमेरजेन्सी के दौरान उसकी जान बचाने के लिएउसके हार्ट पर बाहर से दबाव बनाया जाता है, जिससे हार्ट में खून पहुंचता रहे। सीपीआर को छाती की बायीं ओर दिया जाना चहिए. इसमें छाती पर लगभग 2 इंच (5 सेंटीमीटर) सीधा नीचे की ओर धक्का दिया जाता है. इसे मरीज को लगभग 20 मिनट तक दिया जाना चहिए. इससे मरीज की जान बचाई जा सकती है। सीपीआर प्रशिक्षण कार्यशाला में कुल 280 अधि० / कर्मचारी सम्मिलित हुये।

उक्त दोनो अवसरों पर डिप्टी कमाण्डेंट श्री अभिषेक राजन, श्री अरूण कश्यप, असिस्टेंट कमांण्डेन्ट श्री सुबोध लोखण्डे, श्री पुष्पेन्द्र आठिया, श्री एम.पी.,सिंह, निरी. विक्रम सिंह, उनि सुबेदार मेजर उत्सव सिंह व बटालियन के अन्य अधि. / कर्मचारी उपस्थित रहे।

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