MP गजब है! रातोंरात चोरी हो गई 1 किमी लंबी सड़क, CEO भी रह गए हैरान
सीधी. मध्य प्रदेश के सीधी जिले के एक गांव में 20 लाख की लागत बनी एक किलोमीटर लंबी सड़क के रातोंरात गायब होने का मामला सामने आया है. सुबह उप सरपंच और गांव वाले सड़क के गायब होने की पुलिस थाने में शिकायत करने पहुंच गए. इससे पुलिस और जनपद पंचायत सीईओ भी हैरान हैं.पूरा मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा बताया जा रहा है. उप सरपंच और ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि बारिश में यहां से निकलना मुश्किल हो गया है. वे जिस जगह की शिकायत कर रहे हैं, वहां रात तक सड़क थी. सुबह तक गायब हो गई. सड़क की चोरी होने का मामला जब जनपद पंचायत पहुंचा, तो CEO भी हैरान रहे गए. जनपद CEO भी स्वीकार किया है कि सड़क चोरी होने की शिकायत मिली है.
मामला जिले के मंझौली जनपद क्षेत्र के मेंडरा ग्राम पंचायत का है, जहां पर कागज में लाखों की लागत से सड़क बनाई गई. लेकिन बारिश ने सड़क की हकीकत की पोल खोल दी. सड़क के गड्ढों में भरा बरसात का पानी गांववालों का निकलना मुश्किल हो गया है. ग्राम पंचायत कर्मी तो कागज में वर्ष 2017 में 10 लाख की लागत से मुरम की कच्ची सड़क और उसके 6 महीने बाद ही 10 लाख की लागत से पक्की पीसीसी सड़क बना चुके है. जब इस मामले की जानकारी ग्राम पंचायय के उपसरपंच और रहवासियों की हुई तो निमार्ण कार्य एजेंसी मामले की लीपा पोती करने के लिये रात में सड़क बनाने का काम की, लेकिन सुबह होतो ही सड़क चोरी हो गई, अब ग्रामीण रहवासी सड़क चोरी हो जाने का आरोप लगाते हुये मामले की शिकायत जनपद के अधिकारीयों से की है.
रात को सड़क थी, सुबह गायब हो गई
गांव के उपसरपंच का कहना है कि बार्ड क्रामक 15 की सड़क रात में अच्छी बनी थी, लेकिन जब सुबह देखे तो सड़क चोरी हो गाई बल्कि सड़क बनाने को रखा मुरुम भी गायब हो गया है. कौन चोरी कर ले गया कुछ पता नहींं. अब गांव के रहवासियों के साथ मामले की शिकायक जनपद अधिकारियों से करने जा रहा हूं, मेडरा गांव में सड़क की चोरी होने का मामला जब जनपद पंचायत मझौली पहुंचा. पंचायत के सीईओ को भी पहली बार मामला सुनते ही हैरानी हुई. उन्होंने कहा कि ऐसा मामला उन्हें पहली बार सुनने को मिला है. हालांकि उनका कहना था कि गांव वालों ने सड़क की चोरी होने की जो शिकायत दर्ज कराई है, उसे चोरी कहना ठीक नहीं होगा.
अधिकारियों ने कहा- जांच कराएंगे
उनका कहना है कि वे हाल ही में यहां नियुक्त हुए हैं और उन्हें मामले की पूरी जानकारी नहीं है, वे जांच कराएंगे. इसके बाद ही तथ्य सामने आएंगे. उसकी के आधार पर दोषियों के खिलाफ कर्यवाही की जाएगी. बहरहाल यह पूरा मामला भ्रष्टाचार जुड़ा है, लेकिन कुम्भकर्णी नींद में सो रहे जिला प्रशासन के अधिकारियों की नींद अब तक नहीं खुल सकी है. ग्रामीण रहवासी सड़क चोरी होने की शिकायत दर्ज कराकर अधिकारियों नीद से जगाने का काम किये है, अब देखना यह होगा कि इस पूरे मामले में अधिकारी आगे क्या कुछ रुख अख्तियार करते हैं.