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रातभर प्लेन में बैठाया, सुबह उतारकर बसों में ठूंसा, दिल्ली-पुणे फ्लाइट के यात्रियों की दुर्दशा पर फूटा गुस्सा

पुणे : दिल्ली-पुणे एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट के यात्रियों के लिए शनिवार का दिन बेहद खराब रहा। दिल्ली में सारी सुरक्षा और जांच प्रक्रिया से गुजरने के बाद उन्हें प्लेन में बैठा दिया गया। प्लेन में लगभग 200 यात्री सवार थे। अगले दो घंटे में उन्हें पुणे में उतरना था लेकिन विमान ने उड़ान ही नहीं भरी। सबसे बुरी स्थिति तब हुआ जब पैसेंजर्स को सात घंटे प्लेन में ही बैठकर गुजारने पड़े। उसके बाद उन्हें विमान से उतार दिया गया और राष्ट्रीय राजधानी में फिर से सुरक्षा जांच प्रक्रिया से गुजरने को कहा गया। उड़ान (IX-1176) को शुक्रवार रात 9.40 बजे दिल्ली से उड़ान भरनी थी और रात 11.50 बजे पुणे में उतरना था। विमान आखिरकार शनिवार सुबह 7.30 बजे दिल्ली से रवाना हुआ। यात्रियों की रात प्लेन में बैठकर गुजरी।

10 घंटे लेट हुई लैंडिंग

अपने परिवार के साथ फ्लाइट में बैठे पुणे निवासी अंबादास गवांडे ने दर्द बयां किया। उन्होंने कहा कि विमान अपने निर्धारित आगमन समय से 10 घंटे से अधिक समय बाद शनिवार सुबह 10 बजे पुणे में उतरा। टीओआई ने एयरलाइन के प्रवक्ता को विस्तृत वॉट्सऐप संदेश भेजकर यात्रियों की परेशानी के पीछे के कारणों की जानकारी मांगी। लेकिन एयरलाइन का जवाब नहीं आया।

आपा खो बैठे यात्री

गावंडे ने कहा, ‘पहले तो आधे घंटे की देरी हुई। शुक्रवार रात 10 बजे तक सभी यात्री विमान में सवार हो गए। जब एक घंटे बाद भी विमान नहीं उड़ा, तो यात्रियों ने क्रू मेंबर्स से पूछा कि समस्या क्या है। उनमें से एक ने कहा कि कोहरे की वजह से दृश्यता एक बड़ी समस्या थी। कुछ यात्री दो घंटे से ज़्यादा समय तक विमान में धैर्यपूर्वक बैठे रहने के बाद अपना आपा खो बैठे।’

रातभर जबरन प्लेन में बिठाए रखा

केबिन क्रू ने यात्रियों से बैठने के लिए कहा और उन्हें आश्वासन दिया कि विमान जल्द ही उड़ान भरेगा। लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ। कई यात्री, जिनमें ज़्यादातर वरिष्ठ नागरिक थे, आराम से बैठने और आराम करने के लिए टर्मिनल बिल्डिंग में वापस जाना चाहते थे। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। यात्रियों और क्रू मेंबर्स के बीच अक्सर बहस होती रही। हम सभी समझ गए थे कि कोहरे की वजह से विमान उड़ान नहीं भर पाएगा। लेकिन हमें सात घंटे से ज़्यादा समय तक विमान में बैठाए रखने के पीछे कोई तर्क नहीं था।’

सुबह प्लेन से उतारकर बसों में ठूंसा

गावंडे ने कहा, ‘शनिवार को सुबह 5.30 बजे केबिन क्रू के सदस्यों ने अचानक हमें विमान से उतरने को कहा, उन्होंने कहा कि विमान में तकनीकी समस्या है। विमान से बाहर आने के बाद, हमें बसों में ठूंस दिया गया। वाहन कुछ देर तक इलाके में घूमते रहे और हमें टर्मिनल बिल्डिंग में उतार दिया। फिर हमें फिर से सुरक्षा जांच से गुजरने को कहा गया। पूरी प्रक्रिया में करीब दो घंटे लग गए। हैरानी की बात यह है कि हम फिर से उसी विमान में सवार हो गए।’ पुणे में भी कोहरे और दिल्ली सहित विभिन्न हवाई अड्डों पर कम दृश्यता के कारण उड़ान संचालन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। शनिवार को रात 12 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच शहर से आने-जाने वाली 32 से अधिक उड़ानें विलंबित रहीं।

टर्मिनल खचाखच भरा

दिल्ली से आने-जाने वाली लगभग सभी उड़ानें तीन घंटे से पांच घंटे के बीच विलंबित रहीं। पुणे से दिल्ली जाने वाले एक यात्री ने कहा कि लगभग सभी उड़ानों में देरी होने के कारण सुरक्षा जांच क्षेत्र में पूरी तरह से अव्यवस्था थी। नया टर्मिनल भवन इतनी भीड़ को संभालने के लिए तैयार नहीं है। लोगों को अपनी उड़ानों के लिए घंटों खड़े रहना पड़ा।

जमीन पर बैठने को मजबूर हुए यात्री

एयरलाइनों की ओर से कोई उचित संचार नहीं था, जिससे स्थिति और खराब हो गई। सुबह 6 बजे पुणे हवाई अड्डे पर मौजूद हाशिम अंसारी ने एक वीडियो के साथ लिखा, ‘बैठने और आराम करने के लिए कोई उचित सुविधा नहीं है। लोग कालीनों पर बैठे हैं।’

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