जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

*बड़ेरिया मेट्रो प्राइम हॉस्पिटल में एक बार फिर हुआ सफलतापूर्वक किडनी ट्रांसप्लांट: जिगर के टुकड़े को 70 वर्षीय बुजुर्ग पिता ने किडनी देकर दिया नया जीवन

जबलपुर यश भारत। पिता के लिए उसकी संतान महज एक संबंध नहीं बल्कि एक आशा होती है , पिता पुत्र का संबंध एक ऐसा संबंध है, जो जीवन के हर अच्छे बुरे पल में एक दूसरे के लिए समर्पित रहते है एवं जिस पर पिता अपनी सारी उम्र एक-एक आशा और एक-एक सपने का निवेश करता है। बात यदि बच्चे की जान पर आ जाए तो अपनी संतान की जान बचाने पिता सब कुछ करने तैयार हो जाता है। एक ऐसा ही मामला सामने आया दमोहनाका स्थित मेट्रो प्राइम सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में जहां अपने जिगर के टुकड़े को 70 वर्षीय बुजुर्ग पिता ने अपनी किडनी देकर अपने बेटे की जान बचाई। बेटा शैलेश शर्मा अपने परिवार का एकमात्र सहारा बचा था , क्योंकि उसके एक भाई और एक बहन की आकस्मिक मृत्यु हो चुकी थी, 34 वर्षीय शैलेश शर्मा को उल्टियां होने और शरीर में सूजन आने पर जब मेट्रो प्राइम हॉस्पिटल में जांच की गई तो पता चला कि उसकी दोनों किडनियां फेल हो चुकी हैं, तब नेफ्रोलॉजिस्ट डॉक्टर विशाल वडेरा और किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डॉक्टर राजेश पटेल ने किडनी ट्रांसप्लांट करने की सलाह दी चूकि किडनी ट्रांसप्लांट ही एकमात्र रास्ता था जिससे उसे नया जीवन मिल सकता था, यह जानकारी जब उसके 70 वर्षीय बुजुर्ग पिता को दी गई तो पिता ने अपने बेटे की जान बचाने खुद ही किडनी देने का फैसला कर अपने बेटे की जान बचा कर मिसाल कायम की है। इस निर्णय ने पिता और पुत्र के संबंध को एक नया आयाम दिया।
नए वर्ष में मिला नया जीवन,,,,
शैलेश शर्मा का कहना है कि मेट्रो प्राइम सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, डॉक्टर और मेरे पिता जी को मैं दिल से धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने मुझे नया जीवन दान दिया। मेरे भाई और बहन की कुछ वर्ष पहले आकस्मिक मृत्यु हो गई थी , मेरे परिवार का मैं एक ही सहारा था और मेरी भी किडनी खराब हो गई। मुझे अपने जीवन की कोई उम्मीद नहीं नजर आ रही थी। मेरे छोटे -छोटे बच्चे भी हैं, मेरी हर तरफ से आस टूट चुकी थी, फिर मैंने जबलपुर के मेट्रो प्राइम सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में नेफ्रोलॉजिस्ट डॉक्टर विशाल वडेरा एवं किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डॉक्टर राजेश पटेल को दिखाया, उन्होंने मुझे किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी। किडनी डोनेट करने के लिए मेरे पिताजी राजी हो गए, हॉस्पिटल, डॉक्टर एवं मेरे पिताजी ने मेरे जीवन में एक नई आस पैदा की, पहले मुझे यह लग रहा था कि 2023 ही मेरा अंतिम वर्ष है , परंतु 31 दिसंबर 2023 को मेरा किडनी ट्रांसप्लांट हुआ, मेरे पिता जी, डॉक्टरों, एवं हॉस्पिटल के द्वारा मुझे नए वर्ष में नए जीवन का तोहफ़ा दिया , मेरे पिता जी जिन्होंने मुझे किडनी दी, वो भी स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं और अब मै भी पूणतः स्वस्थ हूँ ।
मेट्रो प्राइम सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, डॉक्टर , एवं पूरी टीम को मैं बहुत बहुत धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने मुझे नया जीवन दिया।

Yash Bharat

Editor With मीडिया के क्षेत्र में करीब 5 साल का अनुभव प्राप्त है। Yash Bharat न्यूज पेपर से करियर की शुरुआत की, जहां 1 साल कंटेंट राइटिंग और पेज डिजाइनिंग पर काम किया। यहां बिजनेस, ऑटो, नेशनल और इंटरटेनमेंट की खबरों पर काम कर रहे हैं।

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