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GST फर्जी GST रजिस्ट्रेशन से टैक्स चोरी करने वालों की अब खैर नहीं, अब बायोमेट्रिक के इस्तेमाल से लगेगा पता जाने पूरी डिटेल्स

GST फर्जी GST रजिस्ट्रेशन से टैक्स चोरी करने वालों की अब खैर नहीं, अब बायोमेट्रिक के इस्तेमाल से लगेगा पता जाने पूरी डिटेल्स। अब ये जीएसटी टैक्स चोरी को देखते हुए केंद्र और राज्य के अधिकारियों की ओर से नकली जीएसटी पंजीकरण और टैक्स चोरी के अपराधियों को पकड़ने के लिए बहुत प्रकार के मुहिम चलाई जाती है।अब ये  बहुत से लोग दूसरे व्यक्ति के पैन और आधार के जरिये भी जीएसटी की चोरी कर रहे हैं। इनपर नकेल कसना बेहद जरूरी है।


GST फर्जी GST रजिस्ट्रेशन से टैक्स चोरी करने वालों की अब खैर नहीं, अब बायोमेट्रिक के इस्तेमाल से लगेगा पता जाने पूरी डिटेल्स 

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अब ये जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्रोसेस को मजबूत करने के लिए बहुत से प्रकार की तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। इसी के बारे में सीबीआईसी के चेयरमैन विवेक जोहरी ने बताया कि अब बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण का उपयोग किया जाएगा। जिसमे जीएसटी पंजीकरण पाने के लिए अन्य लोगों के पैन और आधार का दुरुपयोग करने वाले धोखेबाजी पर नकेल कसा जा सकता है।अब उसी के साथ उन्होंने आगे कहा कि कर अधिकारी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा करने के दायरे को सीमित करने के लिए जीएसटी रिटर्न फाइलिंग प्रॉसेस में कुछ और सख्ती पर भी विचार कर रहे हैं।

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बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण का होगा उपयोग 

अब बहुत सी कंपनी के अधिकृत प्रतिनिधियों या निदेशकों या भागीदारों का बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण द्वारा न्यू पंजीकरण होगा। अब ये अगर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के प्रकार पंजीकृत में शामिल है। तब उन पर कार्रवाई हो सकती है। अगर कर अधिकारियों को संदेह होता है। कि ये आवेदन आईटीसी का फर्जी दावा करने के लिए किया जा रहा है। जिसके लिए जांच के बाद कड़ी कार्रवाई हो सकती है।

जिसके सिवाय अब केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के अधिकारियों द्वारा सभी संस्थाओं की जियो-टैगिंग की योजना भी बनाई जा रही है। अब ये प्रमाणित किया जा सकता है। कि जीएसटी पंजीकरण के दौरान भी उपलब्ध कराई गयी है। अभी तक बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण और जियो-टैगिंग देश के कुछ कुछ राज्यों में चल रहा है। जल्द ही इसे पूरे भारत देश में पेश किया जाएगा।

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12,000 से ज्यादा मामले आए सामने

अब ये सीबीआईसी प्रमुख ने बताया कि फर्जी पंजीकरण के खिलाफ चल रहे। अब ये अभियान के दौरान, जीएसटी अधिकारियों ने लगभग 12,500 फर्जी संस्थाओं की पहचान की है। ये फर्जी आईटीसी का दावा करने और सरकारी खजाने को धोखा देने के लिए किया जाता था। दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान जैसे कुछ स्थान हैं जहां फर्जी संस्थाएं बड़े पैमाने पर मौजूद हैं। उसी के साथ गुजरात, नोएडा, कोलकाता, असम, तेलंगाना, तमिलनाडु और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में भी जीएसटी पंजीकरण के साथ नकली व्यवसाय चल रहे हैं। मेटल या प्लास्टिक स्क्रैप और बेकार कागज से संबंधित व्यवसाय में फर्जी जीएसटी का ज्यादा मामले शामिल हैं।

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रिटर्न प्रॉसेस हुआ सख्त

अब ये नकली आईटीसी दावों को नियंत्रित करने के लिए कर अधिकारियों ने रिटर्न प्रॉसेस को सख्त बनाने की योजना कर रहे हैं। अभी करदाताओं को छूट दी गई है। वे जीएसटीआर -2 ए में कितना आईटीसी का दावा कर पाएंगे। ये छूट इसलिए दी गई है। क्योंकि बहुत व्यपारी इसको लेकर चिंता व्यक्त कर रहे थे।सीबीआईसी के चेयरमैन विवेक जोहरी ने बताया कि जीएसटी परिषद जिसमें केंद्र और राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं।अब ये सिस्टम में फर्जी आईटीसी पर अंकुश लगाने के लिए मासिक रिटर्न को क्रमिक रूप से दाखिल करने सहित बहुत से कदम पहले ही उठा लिए हैं।

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