पूर्व विधायक किशोर समरीते एमपी, एम.एल.ए. कोर्ट जबलपुर से बाईज्जत बरी
यश भारत। विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट एम.पी.एम.एल.ए. कोर्ट विश्वेश्वरी मिश्रा जबलपुर की अदालत ने बालाघाट लांजी से समाजवादी के पूर्व विधायक किशोर समरीते के खिलाफ दर्ज मुकदमा सम्पूर्ण ट्रायल के पश्चात बाईज्जत बरी कर निरस्त कर दिया। उनके उपर बालाघाट के एक शराब व्यवसायी राजेश पाठक द्वारा पुलिस प्रशासन से सांठ-गांठ कर एक शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में आरोप था कि, विधायक समरीते नक्सल वादियो से जुड़े हुए है, जिसके चलते वे सारे लांजी बालाघाट जिले में आतंक फैलाये हुए हैं और शराब व्यवसायी व अन्य लोगों से अवैध वसूली करते है। पैसा न देने पर उनकी हत्या करवा देते है, जिसके चलते विधायक समरीते पर नवम्बर 2020 में हटा स्थित शराब व्यवसायी के कार्यालय में जिप्सी लेकर पहुँचना, अपने विधायक रहते हुए गनमेन सहित विधायक समरीते पहुँचे और जान से मारने का प्रयास किया। परंतु किसी कारण से शराब व्यवसायी बच निकला जिसकी शिकायत शराब व्यवसायी पाठक द्वारा पुलिस के उच्च अधिकारियों से की गई जिस पर पुलिस प्रशासन द्वारा तुरंत मुकदमा दर्ज कर विधायक समरीते को भोपाल से गिरफ्तार कर जेल भेजा गया जिसकी सम्पूर्ण सुनवाई एम.पी.एल.ए. कोर्ट जबलपुर द्वारा की गई। जिसमें विधायक समरीते की ओर से अधिवक्त रजनीश चौबे द्वारा पैरवी करते समस्त ट्रायल के दौरान न्यायालय को विभिन्न बिन्दुओं पर ध्यान आकर्षित करते हुए न्यायालय में पैरवी की और न्यायालय को समझाया व बताया कि, पूर्व विधायक समरीते की छबि धूमिल करने के उद्देश्य से शराब व्यवसायी पाठक व पुलिस की सांठ-गांठ से उक्त मुकदमा विधायक समरीते पर बनाया गया है, जो कि, म.प्र. शासन पूरी तरह से मुकदमें को साबित करने में नाकाम रहा है और प्रशासन पर टिप्पणी करते हुए न्यायालय द्वारा विधायक समरीते को दोषमुक्त किया गया। उक्त सारे मुकदमें में रजनीश चौबे अधिवक्ता ने पैरवी की