जबलपुरदेशभोपालमध्य प्रदेशराज्य

प्राइम टाइम विथ आशीष शुक्ला में डॉक्टर शब्बीर हुसैन: महिलाओं की आम बीमारी वीवीएफ में अब ऑपरेशन की जरूरत नहीं

डॉ शब्बीर हुसैन बिना ऑपरेशन उपचार की तकनीक करी इजात योनि द्वार से एंडोस्कोपी के माध्यम से संभव हुआ इलाज

जबलपुर यश भारत। महिलाओं में एक आम बीमारी होती है वीवीएफ जो खास तौर पर प्रेगनेंसी या फिर बच्चा दानी के ऑपरेशन के बाद देखने को मिलती है। जिसमें उनकी योनि से पेशाब लगातार लीक होती रहती है जिससे उनके सामान्य जीवन में बुरा प्रभाव पड़ता है ,और किसी किसी के साथ तो स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि रात को बिस्तर भी गीला होने लगता है, जिसको लेकर जाने-माने यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर शब्बीर हुसैन द्वारा वीवीएफ बीमारी के उपचार के लिए एक नई तकनीक का इजाज किया गया है। जिसमें ऑपरेशन की आवश्यकता नहीं होती है, सीधे योनि द्वार के माध्यम से एंडोस्कोपी करके बीमारी से निजात दिलाई जा सकती है। इस पूरे विषय में डॉक्टर शब्बीर हुसैन द्वारा प्राइम टाइम विद आशीष शुक्ला में विस्तार से चर्चा की गई और बीमारी के कारन उसके बचाव और इलाज के बारे में बताया।

इन कारण से होती है बीमारी

चर्चा के दौरान कार्यक्रम संचालक आशीष शुक्ला के द्वारा डॉक्टर शब्बीर हुसैन से यह जानने की कोशिश की गई कि आखिर यह बीमारी होती कैसे हैं और इसकी मुख्य वजह क्या है। जिसके जवाब में डॉक्टर शब्बीर हुसैन द्वारा बताया गया कि प्रेगनेंसी के दौरान जब डिलीवरी होती है और सामान्य डिलीवरी के समय अधिक समय लगता है ऐसे में पेशाब की थैली के ऊपर अधिक दबाव पड़ता है। क्योंकि वह योनि से सटी हुई रहती है यहा से यह बीमारी अपना रूप धारण कर लेती है। जबकि भारत विकासशील देश है ऐसे में स्वास्थ्य की अच्छी सुविधा हो गई है और अब लॉन्ग ड्यूरेशन के प्रसव नहीं होते हैं ऐसे में यह बीमारी अब खास तौर पर पिछड़े और जनजाति क्षेत्र में प्रसव के समय होती है। वहीं इसका दूसरा प्रमुख कारण है बच्चेदानी के ऑपरेशन के समय ब्लैडर में कट लग जाना या कोई खिंचाव हो जाना लीकेज का कारण बन जाता है। जिसे सर्जन अपनी कुशलता से बचा भी सकता है।

यह है बचाव के तरीके

प्राइम टाइम विथ आशीष शुक्ला में डॉक्टर शब्बीर हुसैन ने एक ओर जहां बीमारी के बारे में बताया वही उसके कारणों को भी समझाया, साथ ही साथ उन्होंने इससे बचने को लेकर कुछ सामान्य जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रसव के दौरान खास ध्यान रखना चाहिए कि वह बहुत लंबे समय तक न चले। इसके लिए जरूरी है कि ऐसे अस्पतालों में जाया जाए जहां समुचित स्वास्थ्य सुविधाएं हैं। वहीं दूसरी ओर जब कोई पेट की सर्जरी होती है तो डॉक्टर को इस बात का खास तौर पर ध्यान रखा जाना चाहिए की सर्जरी के दौरान ब्लैडर को कोई भी नुकसान न पहुंचे और यदि नुकसान पहुंचा भी है तो इस ऑपरेशन के दौरान ब्लैडर को भी ठीक कर देना चाहिए ताकि दोबारा सर्जरी या इलाज की आवश्यकता न हो।

बिना ऑपरेशन के संभव हुआ इलाज

डॉ शब्बीर हुसैन द्वारा इस बीमारी को लेकर एक ऐसी तकनीक इजात की है। जिसमें ऑपरेशन की आवश्यकता नहीं पड़ती है। आमतौर पर पहले उपचार के लिए ऑपरेशन के माध्यम से ब्लैडर के लीकेज को ठीक किया जाता था। फिर उसके बाद लैपटॉप के माध्यम से उपचार होने लगा और फिर बड़े सेंट्रो में रोबोटिक सर्जरी भी की जाती है लेकिन डॉक्टर शब्बीर हुसैन के द्वारा एक ऐसी विधि इज़ात की गई है जिसमें कोई भी टाका या चीरा नहीं लगता है ।वह एंडोस्कोपी के माध्यम से योनि द्वार से प्रवेश करके ब्लैडर को दुरुस्त कर देते हैं। जिसे एंडोस्कोपी रिपेयरिंग ऑफ वीवीएफ तकनीक नाम दिया गया है।

दुनिया भर में हो रही चर्चा

डॉ शब्बीर हुसैन के द्वारा जो तकनीक इज़ात की गई है उसकी चर्चा सारी दुनिया में हो रही है जिसको लेकर डॉक्टर शब्बीर हुसैन का कई जगह सम्मान भी हो चुका है। जानकारी के अनुसार बिना चीरा और टाके के उपचार दुनिया में इसके पहले किसी ने भी नहीं किया है। एक दो नाम है जिन्होंने इसको लेकर प्रयास किया था लेकिन उन्हें सफलता हासिल नहीं हुई है। इस पूरे मामले में डॉक्टर शब्बीर हुसैन लगभग सात सफल सर्जरी कर चुके हैं जिसमें बिना चीरा और टांका के वीवीएफ से मरीज को निजात मिली है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button