विजयनगर से फिर कलेक्ट्रेट पहुंचेगा आधार ताल तहसील कार्यालय
भ्रष्टाचारियों ने बनाया अड्डा, दलालों से परेशान होकर अधिकारियों ने लिया निर्णय
जबलपुर, यश भारत। आम जनता की सहूलियत के लिए जिला प्रशासन द्वारा एसडीएम और तहसील कार्यालयो को शहर के विभिन्न स्थानों में स्थापित किया था। विजयनगर स्थित हाट बाजार में स्थापित किए गए आधारताल तहसील का कार्यालय भ्रष्टाचार का इतना बड़ा अड्डा बन गया है कि अधिकारियों को यहां से कार्यालय बंद करके कलेक्ट्रेट परिसर में फिर से कार्यालय स्थापित करना पड़ रहा है। हालांकि इस मामले में आधिकारिक रूप से तो कोई बयान सामने नहीं आ रहा है लेकिन पिछले दिनों अधारताल तहसील में सामने आए गोलमाल के बाद यह निर्णय लिया गया है। जिला मुख्यालय में तहसील कार्यालय को कमरा नंबर 19,20, और 21 में स्थापित किया जाएगा। जहां पर शिफ्टिंग का कार्य शुरू हो गया है।
पहले होगा ट्रायल
वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि पहले तो कुछ दिनों के लिए कार्यालय को कलेक्ट्रेट परिसर में लाया जाएगा। इसको लेकर अगर कोई समस्या सामने नहीं आती है और जनता को कोई कठिनाई नहीं होती है तो फिर पूर्ण रूप से आधारताल तहसील कार्यालय को जिला मुख्यालय में स्थापित कर दिया जाएगा। हालांकि इस कार्यालय में सबसे ज्यादा राजस्व के मामले लम्बित थे। जिन्हें कागजों पर तो शिविर के दौरान निराकरण होना बता दिया जाता है, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है ।ऐसे में जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी अपनी निगरानी में अधारताल तहसील कार्यालय को चलना चाह रहे हैं।
निजी दुकान की तरह चल रहा कार्यालय
अधारताल तहसील कार्यालय के हालात यह है कि यहां पूरी तरह से दलालों का बोलबाला है। अधिकारियों की कुर्सी पर बैठकर दलाल काम कर रहे हैं। रात को 9 बजे तक कार्यालय खुला रहता है और कोई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद न रहने पर भी बाबू और दलाल गोलमाल करते रहते हैं। पिछले दिनों इसी कार्यालय के तहसीलदार और पटवारी के खिलाफ जमीन के गोलमाल मामले में रिपोर्ट भी दर्ज हुई थी। वह तो केवल बानगी थी। कई मामले हैं जहां जमकर जमीन खुर्द बुर्द की गई है, लेकिन विभाग का नाम बचाने के चक्कर में अधिकारी इन करगुजारियों पर कपड़ा डाल रहे हैं।
कार्यालय शिफ्टिंग को लेकर कुछ लोगों के द्वारा जगह कम होने की बात भी कहीं जा रही है, हालांकि विजयनगर स्थित हाट बाजार परिसर में पर्याप्त जगह खाली पड़ी हुई है। क्योंकि जेडीए द्वारा जिन उद्देश्यों के लिए यह परिसर बनाया गया था वह तो कभी सफल हुआ ही नहीं। बल्कि वहां अनैतिक गतिविधियां चरम पर है। कम जगह को लेकर बात इसलिए भी सही नहीं ठहराई जा सकती क्योंकि इसी परिसर में रजिस्ट्री कार्यालय भी स्थापित किया गया था और 2 साल पहले वह आधुआँ में शिफ्ट हो गया है। ऐसे में उसे कार्यालय की भी जगह खाली पड़ी हुई है। यह मामला अपने आप में एक अनोखा मामला है जहां दलालों और भ्रष्टाचार से परेशान होकर अधिकारियों को पूरा का पुरा तहसील कार्यालय ही शिफ्ट करना पड़ रहा है।