नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल में कल नहीं होगी जांचें: सरकार के खिलाफ लैब कर्मचारियों ने हड़ताल किया ऐलान
जबलपुर, यशभारत। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में कल किसी भी तरह की जांचें नहीं होगी। इसका ऐलान करते हुए लैब कर्मचारियों ने एक दिवसीय सामूहिक हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। लैब कर्मचारियों की हड़ताल से ऑपरेशन और अन्य चिकित्सा व्यवस्थाओं पर सीधा असर पड़ेगा।
मप्र लैब टेक्नीशियन के वीरेंद्र तिवारी ने बताया कि जायज मांगों को सरकार को पूरा करना चाहिए, सहयोग के लिए हमेशा खड़े रहने का आश्वासन दिया। ग्रेड पे बढ़ाने, पदनाम परिवर्तन, प्रमोशन चैनल, रिस्क एलाउंस, संविदा को नियमित किया जाए, आउटसोर्स एजेंसी से कार्य बंद कराया जाए, रिक्त पद शीघ्र भरे जाएं ताकि बेरोजगारी दूर हो मांगों का समर्थन किया। शासन कर्मचारियों की उपेक्षा कर रही है जिस कारण सभी कर्मचारी संघ हड़ताल कर रहे हैं। इसी के तहत मंगलवार को समस्त लैब के कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश लेकर काम बंद हड़ताल पर जाने का निणर्य लिया है।
इन मांगों को लेकर हड़ताल
13 सूत्रीय मांग में लैब टेक्नोलॉजिस्ट ने पदनाम परिवर्तन कर लैब ऑफिसर, ग्रेड पे 2800 से 4200 करने, राज्य शासन के नियमित पद पर कार्य रहे संविदा कर्मचारियों को पूर्ण वेतन 100 प्रतिशत देने, लैब असिस्टेंट का ग्रेड पे 2800 करने, लैब अटेंडेंट का ग्रेड पे 2400 करने, सभी परियोजनाओं में कार्यरत लैब टेक्नीशियन को नियमित पद पर
समायोजित करने की मांग की है, इसके साथ ही रिस्क अलाउंस, रात्रिकालीन भत्ता, निश्चित अंतराल में प्रमोशन आदि अनेक मांगे की है, जिस पर शासन को विचार करने की आवश्यकता होगी ।
ज्ञापनों का असर नहीं हुआ इसलिए काम बंद हड़ताल
वीरेंद्र तिवारी ने कहा कि मध्यप्रदेश शासन को लैब टेक संवर्ग ने प्रदेश स्तर से पूर्व के वर्षों में ज्ञापन एवं पत्राचार के माध्यम से कई बार अपनी मांगों से अवगत करवाया, लेकिन वर्तमान शासन द्वारा किसी भी प्रकार की सुनवाई नहीं की गई, जिसके कारण 9 जनवरी को प्रदेश भर में लैब संगठन एकदिवसीय सामूहिक अवकाश पर थे एवं 18 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर होने को बाध्य हुए है और जब तक हमारी मांगों पर विचार करके कोई हल नहीं निकाला जाता हम प्रदेश संगठन के साथ इस हड़ताल में शामिल रहेंगे।
जिला अस्पतालों में परेशान हो रहे मरीज
जिला अस्पताल में इन दिनों खून जांच एवं अन्य जांचों को जिम्मा आउटसोर्स कर्मचारियों के भरोसे है, नियमितकर्मचारियों की तुलना में वैकल्पिक कर्मचारी काम चलाउ कार्य कर रहे है, जिससे जांच की गुणवत्ता पर प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है साथ ही ब्लड बैंक में ब्लड ट्रांसफ्यूजन के लिए आउटसोर्स के कर्मचारी कार्य कर रहे है जिसके गंभीर परिणाम सामने आ सकते है । जिला अस्पताल में वर्तमान में सैंकड़ों मरीजों की जांच होती है इसके साथ ही मरीजों को ब्लड की आवश्यकता प्रतिदिन रहती है, लैब कर्मचारियों के हड़ताल में जाने से सभी सेवाएं प्रभावित है, वैकल्पिक कर्मचारियों से काम चलाऊ कार्य लिया जा रहा है, लेकिन उसकी गुणवत्ता मानकों के अनुरूप काम नहीं हो रहा है।