पर्दे के पीछे क्या है असल कहानी : दोपहर में जनपद अध्यक्ष की कुर्सी गई, शाम होते ही उपाध्यक्ष ने भेज दिया इस्तीफा, क्या है वायरल इस्तीफे का सच ? कुर्सी गंवाने वाले दोनों जनपद अध्यक्ष बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र के


गौरतलब है कि बहोरीबंद जनपद पंचायत में 24 सदस्य हैं। सदस्यों के बहुमत से लाल कमल बंसल अध्यक्ष चुने गए थे लेकिन सदस्यों से उनके टकराव का नतीजा यह निकला कि उनकी कुर्सी पर खतरा डोलने लगा और अंततः आज हुई अविश्वास प्रस्ताव की वोटिंग में उनकी कुर्सी चली गई। जानकारी के मुताबिक अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 24 में से 18 वोट पड़े, जबकि अध्यक्ष के अलावा 5 अन्य जनपद सदस्य प्रकिया में शामिल नहीं हुए। सूत्र बताते हैं कि नियमानुसार कुर्सी बचाने के लिए एक तिहाई अर्थात 7 सदस्यों की आवश्यकता थी, लेकिन अध्यक्ष के पास खुद का वोट मिलाकर कुल 6 सदस्य ही थे। इसके पहले रीठी जनपद अध्यक्ष को भी अविश्वास प्रस्ताव के जरिए हटाया जा चुका है। दोनों ही जनपद अध्यक्ष बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र के थे। सवाल यह उपस्थित हो रहा है कि बहोरीबंद क्षेत्र में पर्दे के पीछे ऐसा कौन सा घटनाक्रम चल रहा है कि इसी विधानसभा क्षेत्र की दोनों जनपदों में अध्यक्षों के खिलाफ असंतोष का लावा फूट पड़ा। असंतुष्टों को आखिर किसकी शह है। बताया जा रहा है कि अब नए सिरे से अध्यक्ष के लिए दोनों ही जनपदों में बिसात बिछाई जाएगी। खबर तो यह भी है कि क्षेत्रीय विधायक प्रणय पांडे इसके लिए सक्रिय हो चुके हैं। वे अपने समर्थकों को ही दोनों जनपदों में काबिज करा दे तो कोई आश्चर्य नहीं। वैसे यह भारतीय जनता पार्टी के लिए ही विचारणीय सवाल है कि उसकी पार्टी के समर्थित दोनों जनपद अध्यक्ष कुर्सी गंवा बैठे। पार्टी के ही लोग अपने अध्यक्षों के खिलाफ हो गए। इसका संदेश राजनीतिक हलकों में अच्छा नहीं जा रहा।
सोनम का इस्तीफा किस रणनीति का हिस्सा
दोपहर में अध्यक्ष की कुर्सी जाने के बाद शाम होते होते जनपद उपाध्यक्ष सोनम चौधरी ने भी अपना पद छोड़ दिया। उनका इस्तीफा सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। कलेक्टर को भेजे पत्र में उन्होंने कहा है कि वे अपना पद स्वेच्छा से छोड़ रही हैं। सोनम चौधरी भाजपा के जिला महामंत्री राजेश चौधरी की पत्नी हैं और अध्यक्ष के चुनाव के समय किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया था। उनके इस पद पर दावा ठोकने के बाद भी लाल कमल बंसल अध्यक्ष बनने में सफल हो गए थे। हालांकि तब कहा जा रहा था कि सोनम को विधायक का समर्थन होने की वजह से क्षेत्र के बाकी सारे नेता उनके खिलाफ लामबंदी में जुट गए थे, लेकिन अब समीकरण बदल चुके हैं। जिन सदस्यों ने बंसल को कुर्सी दिलवाई थी, उन्हीं ने छीन भी ली। सूत्र बता रहे है कि सोनम चौधरी अब फिर से अध्यक्ष पद के लिए सक्रिय हो गईं है। यह पहली ऐसी जनपद पंचायत है जिसमें अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों एक ही वर्ग से थे। कहा जा रहा है कि अध्यक्ष की बिसात बिछाने के लिए उपाध्यक्ष ने फिलहाल अपना पद छोड़ दिया है। पति के जिला संगठन में पदाधिकारी होने की वह से उन्हें संगठन का भी सहयोग मिल सकता है। अब देखना है बहोरीबंद क्षेत्र की राजनीतिक परिस्थितियों किस करवट बैठती हैं।