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सड़को पर फैले दोने और डिस्पोजल, दोपहर 12 बजे तक नहीं हुई सफाई, विज्ञापनों में स्वच्छता की बातें, धरातल पर गंदगी का अंबार

जबलपुर यश भारत। स्वच्छता सर्वे के नाम पर नगर निगम करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है, जिसको लेकर बड़े-बड़े वादे करे जाते हैं और इंदौर से टक्कर लेने की बातें होती हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि महाशिवरात्रि के मौके पर शहर भर में भंडारे हुए जिसका कचरा दूसरे दिन गुरुवार को दोपहर 12 बजे तक सड़कों पर फैला रहा लेकिन निगम का अमला अपनी नींद से नहीं जाग पाया। जबकि इंदौर में कार्यक्रम के बाद सुबह होने के पहले ही सड़क चमका दी जाती है। सबको पता था की धार्मिक आयोजन हो रहे हैं सड़कों पर गंदगी फैलेगी की लेकिन नगर निगम की टीम ने कोई कार्य योजना नहीं बनाई सिर्फ विज्ञापनों में बातें होती हैं धरातल पर काम नही होता है।

इंदौर की रेर से नहीं ली सीख

होली के बाद रंग पंचमी के मौके पर इंदौर शहर में रेर का आयोजन होता है जहां लाखों की संख्या में लोग रंग खेलने राजवाड़ा मैं आते हैं, जहां जमकर रंग गुलाल खेला जाता है और पूरी सड़क कीचड़ और रंग से सन जाती हैं, लेकिन आयोजन खत्म होने के तीन से चार घंटे के अंदर ही इंदौर नगर निगम की टीम सड़कों को पहले जैसे साफ-सुथरा और चमका देती हैं। वहीं दूसरी तरफ जबलपुर नगर निगम है जो दोपहर के 12 जाने के बाद भी अपनी नींद से नहीं जगी है।

यहां थी सबसे ज्यादा भीड़

महाशिवरात्रि के दौरान सबसे ज्यादा भंडारों का आयोजन विजयनगर क्षेत्र में किया गया था, क्योंकि यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हुए थे जिसके चलते जगह-जगह भंडारे थे और अब गंदगी का भी यहीं पर सबसे ज्यादा देखने को मिल रही है, इसके अलावा गुप्तेस्वर क्षेत्र में भी कई भंडारे आयोजित किए गए थे जहां पर सफाई व्यवस्था नहीं की गई है। साथ ही साथ मुख्य शहर में भी यही हालत है जहां एकाद सफाई कर्मचारी काम करते दिख रहे हैं। जबकि होना यह था कि नगर निगम को योजना बनाकर पूरी टीम इन क्षेत्रों में सफाई कार्य के लिए लगाना थी ।

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