सड़क नहीं बनी तो बेटियों ने छोड़ दी आगे की पढ़ाई, 8 वी के बाद पढ़ाई छुड़वाकर कर दिए जाते बेटियों के हाथ पीले
कटनी, यशभारत। केन्द्र के साथ ही राज्य सरकार द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के साथ ही गांव-गांव शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से करोड़ो रूपए खर्च किए जा रहे हैं और बेटी बचाओ.बेटी पढ़ाओ पर जोर दिया जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ कटनी जिला मुख्यालय से लगे ग्राम घिनौची में सडक़ निर्माण नहीं होने की वजह से बच्चों ने स्कूल से किनारा कर लिया है। इस गांव की बेटियों ने पढ़ाई करना छोड़ दिया है। परिजनों को बेटियों के साथ अनहोनी होने का डर है। जिसके चलते अब बेटियां कक्षा आठवी के बाद पढ़ाई नहीं कर पा रही हैं। गांव से स्कूल जाने और शहर की तरफ आने वाला रास्ता भी बेहद खराब है।
जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम घिनौची में 8वीं तक का सरकारी स्कूल है, इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए 7 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है लेकिन यहां जाने वाला रास्ता खराब है, जो कि विधानसभा क्षेत्र मुड़वारा और बहोरीबंद को जोड़ता है। इन दोनों विधानसभा क्षेत्र के बीचोंबीच 7 करोड़ की लागत से 2018 में पुल का निर्माण शुरू हुआ था, जो अब तक पूरा नहीं हो पाया है। यह मार्ग सूनसान रहता है। इससे बहुत कम ही ग्रामीण और बच्चे गुजरते है, वहीं घिनौची से शहर और स्कूल जाने के लिए जो दूसरा रस्ता है, वह जंगल से होकर गुजरता है। जिससे छात्राओं को यहां से गुजरने में खतरा बना रहता है और कई बार उनके साथ छेड़छाड़ भी हो चुकी है। इससे ग्रामीण बेटियों की सुरक्षा को लेकर परेशान है। मजबूरी में बेटियों की आगे की पढ़ाई नहीं करवाकर परिजन उनके हाथ पीले कर रहे। यही वजह है कि अधिकांश बेटियों को 8वीं के बाद पढ़ाई छोडऩी पड़ी। यशभारत की टीम ने घिनौची जाकर पड़ताल की तो वजह चौंकाने वाली सामने आई। गांव की कुल 1 हजार की आबादी वाले इन गांव से शहर की तरफ आने वाला रास्ता जो सिर्फ 5 किलोमीटर का है, उसकी हालत बेहद ही खराब है और बारिश के दिनों में तो यह रस्ता दलदल में तब्दील हो जाता है, जिससे निकलना दूभर हो जाता है। वही जो दूसरा रस्ता है, उस रास्ते से शहर की तरफ आने के लिए ग्रामीणों और स्कूली बच्चों को 20 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है और यह रस्ता जंगल से गुजरता है। जंगल होने के कारण आवागमन के कम साधन होते है। ऐसे में छात्राओं के वीराने में पैदल य साईकिल से इतनी लंबी दूरी तय करने में हमेशा अनहोनी का डर बना रहता है।