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अमेरिका से जबलपुर पहुंचे डॉक्टर आकाश पांडे से यशभारत की चर्चा: बच्चों को ज्यादा साफ-सफाई में रखने से इम्युनिटी कम होती है

जबलपुर, यशभारत। कई लोगों की आदत होती है कि दिन भर घर की साफ -सफाई में ही लगे रहते हैं. घर के किसी भी कोने में गन्दगी हो तो वो तुरंत साफ-सफाई में जुट जाते हैं. वैसे घर में साफ-सफाई रखना एक अच्छी आदत है क्योंकि इससे घर में बीमारियां नहीं पनपती हैं, लेकिन यही साफ-सफाई बच्चों के लिए बीमारी का कारण भी बन सकती है, बहुत से लोग रहते हैं कि बच्चों को गंदगी से दूर रखते हैं उनके हाथ-पैर धूल लगे होने पर चिंता करने लगते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए, बच्चे को हर जगह खेलने की छूट देना चाहिए इससे उसके अंदर इम्युनिटी बढ़ती है। यह कहना है अमेरिका से जबलपुर पहंुचे डॉक्टर आकाश पाण्डे का। डॉक्टर आनंद पाण्डे यूएस में चाइल्ड स्पेशलिस्ट और कई बीमारियों को लेकर वह रिसर्च कर रहे हैं। शहर आगमन पर उन्होंने यशभारत से संक्षिप्त रूप में चर्चा की। उन्होंने बताया कि गांव और शहर के बच्चों में बहुत ज्यादा अंतर होता है। प्रायः देखने में आता है कि गांव के बच्चे कम बीमार होते हैं जबकि शहर में रहने वाले बच्चे आए दिन किसी न किसी बीमारी से पीड़ित रहते हैं। इसका एक मात्र कारण गांव के बच्चे शुरूआत से ही खुलेपन में जीते हैं। मतलब धूल से लेकर कुंआ-नदी का पानी पीते इससे उनकी प्रतिरोधक क्षमता तेज होती है।

अमेरिका-इंडिया दोनों जगह बीमारियां है
डॉक्टर आकाश पाण्डे ने बताया कि अमेरिका से लेकर भारत में बच्चों से संबंधित बीमारियां ज्यादा है, कई विषयों पर वह रिसर्च कर रहे हैं जिसका फायदा यहां भी होगा और यूएस में भी। डॉक्टर पाण्डे का कहना है कि एक बात सच है कि यूएस और भारत में रिसर्च का तरीका अलग और यूएस में सबसे ज्यादा रिसर्च होती है। डॉक्टर होकर विशेषज्ञ होना ठीक परंतु संबंधित विषय पर लगातार रिसर्च करते रहने से अनुभव प्राप्त होता है।डॉक्टर ने पाण्डे

टीपीएन पर रिसर्च कर रहा हूं
डॉक्टर पाण्डे ने अपने रिसर्च के बारे में बताते हुए कहा कि वह टोटल पैरेंट्रल न्यूट्रिशन टीपीएन पर लगभग अपनी रिसर्च पूरी कर चुकें है और जबलपुर में आयोजित कार्यशाला में भी इसी विषय को लेकर उन्होंने व्याख्यान दिए हैं। टोटल पैरेंट्रल न्यूट्रिशन (ज्च्छ) आपके बच्चे को सही पोषण देने का एक तरीका है। यह कैथेटर नामक एक छोटी, मुलायम ट्यूब का उपयोग करके किया जाता है । कैथेटर को एक नस में डाला जाता है। इससे आपके बच्चे की रक्त वाहिकाओं में तरल पोषण डाला जा सकता है।टीपीएन का उपयोग तब किया जाता है जब आपके बच्चे का पाचन तंत्र भोजन को पचा नहीं पाता। या जब आपका बच्चा अपनी पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं खा पाता।

बच्चे सेहतमंद तब रहेंगे जब वह खाना खाएंगे
डॉक्टर आकाश पांडे ने बताया कि अमेरिका और भारत में दोनों जगह पर बीमारियां बहुत है और ये बढ़ती जा रही है। बच्चे का खाना सबसे ज्यादा जरूरी होता है। अगर बच्चा खाना नहीं खाता है तो वह कई बीमारियों से पीड़ित हो जाता है। डॉक्टर आकाश पाण्डे ने कहा बच्चे को मोबाइल और टीवी से दूर रखना चाहिए क्योंकि बच्चे टीबी और मोबाइल में व्यस्त होकर खाने से दूर होते जाते हैं। इसलिए पैरेंटस को यह ध्यान रखना होगा कि उनका बच्चो मोबाइल और टीवी से दूर रहे हैं।

गंदगी से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है
डॉक्टर आकाश पांण्डे ने गांव के बच्चों का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां के बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा रहती है और इसका एक कारण शुरूआत से उन्हें धूल-मिटटी में खेलने की छूट देना। ग्रामीण इलाकों के बच्चे कभी तालाब तो कभी नदी का पीने पीकर स्वस्थ्य रहते हैं और जब वह बड़े होते हैं तो यही उनके स्वस्थ्य होने का कारण होता है।

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