कृषि विज्ञान केन्द्र कर्मियों की हड़तालः 4 माह से वेतन को मोहताल, हड़ताल पर जाने के सिवाय कोई दूसरा रास्ता नहीं
जबलपुर ,यशभारत। कृषि विज्ञान केन्द्रों में आ रही समस्याओं और चार माह से वेतन नहीं मिलने से आक्रोशित मध्य प्रदेश मप्र के कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों एवं कर्मचारी आज धरना प्रदर्शन एवं कलम बंद हड़ताल कर रहे हैं। विश्व मृदा दिवस के अवसर पर जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में हड़ताल की जा रही है। कृषि विश्वविद्यालय द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केन्द्रों की समस्याओं के समाधान के संबंध में के.व्ही. के. इम्प्लोयज वेलफेयर एसोसिएशन म.प्र. के प्रतिनिधि मंडल ने 23 अक्टूबर 2024 को अपनी समस्याओं के संबंध में कुलगुरू से मुलाकात की परंतु समस्याओं का समाधान न होने के कारण केवा म.प्र. के तत्वावधान में 14 नवम्बर 2024 को जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय एवं अटारी (कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान) के समक्ष समस्त कृषि विज्ञान केन्द्रों के वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियों द्वारा एक दिवसीय बंद का आयोजन किया था।
इसके उपरांत भी कृषि विज्ञान केन्द्रों में विगत 3 से 4 माह से वेतन प्राप्त नहीं हो पाया है। साथ ही आईसीएआर नई दिल्ली एवं इसके आंचलिक संस्थान अटारी द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर के द्वारा दी गई अंतरिम राहत की अवहेलना की जा रही है। इसी परिप्रेक्ष्य में कृषि विज्ञान केन्द्रों के राष्ट्रीय फोरम ऑफ केव्हीके एंड एकीप के तत्वावधान में देश भर में कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा आज एक दिवसीय कलम बंद हड़ताल सह प्रदर्शन करने का फैसला किया है। एक दिवसीय हड़ताल में अध्यक्ष डॉ ए के सिंह , वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं कृषि विज्ञान केन्द्र प्रमुख डॉ. रश्मि शुक्ला, डॉ. डीके सिंह, डॉ. नीतू विश्वकर्मा, डॉ. रिचा सिंह, डॉ. अक्षत तोमर समेत सभी वैज्ञानिक , कर्मचारी मौजूद रहे। इस मौके पर किसान भी वैज्ञानिकों की मांगों के समर्थन में हड़ताल में शामिल हुए। आईसीएआर द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्रों के कार्मिकों की सेवा शर्तों में अचानक बदलाव किया जा रहा है. जबकि इन केन्द्रों में कार्य कर रहे अधिकांश कार्मिक लगभग 20-25 साल से ज्यादा की सेवाएं दे चुके हैं।
कृषि विज्ञान केन्द्रों के राष्ट्रीय फोरम के तत्वावधान में कार्मिकों हड़ताल की है। मांगों में सबसे प्रमुख आर.एस. परौदा समिति की सिफारिशों को लागू करके सभी मेजबान संगठनों के लिए एक के.व्ही. के. एक नीति (ओकेओपी) को प्रमुखता दी है ताकि इनमें काम करने वाले सभी कार्मिक (वैज्ञानिक, तकनीकी, प्रशासनिक और सहायक सहित) समान सुविधाओं का लाभ उठा सके और कृषि विज्ञान केन्द्रों के वेतन भत्तों में कोई असमानता न रहे। इसी परिप्रेक्ष्य में म.प्र. कृषि विज्ञान केन्द्र इम्प्लॉयज वेलफेयर एसोसिएशन ने भी 5 दिसम्बर 2024 को कलम बंद हड़ताल सह प्रदर्शन का आह्वान किया है जिसमें प्रदेश के सभी कृषि विज्ञान केन्द्र भाग लेंगे।