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चमत्कार से कम नहीं यह नायाब धान का बीज : कचरा नष्ट करने के साथ ही कम लागत में देती है अधिक पैदावार

फुल पेज सवा 134FP सवाना धान के जिला एमडीओ ने किसान के खेत में किया फसल प्रदर्शन

मंडला| भारत किसान प्रमुख देश है जहां पर एक विशेष तरह की धान के बीज से किसानों की पैदावार लगभग अब दोगुनी हो जाएगीlउक्त धान की यह विशेषता है कि यह कचरा तो साफ करती है साथ में कम लागत में भरपूर पैदावार भी देती हैl

 

जनपद पंचायत नैनपुर की ग्राम पंचायत बीजेगाँव के पोषक ग्राम कटारे मोहगांव के किसानो के यहां डीएसआर पद्धति से लगाई हुई धान की फुल पेज सवा 134 किस्म सवाना धान का फसल प्रदर्शन जिला मंडला से आय हुए जिला एमडीओ श्री गोविंद वन्देवार जी के द्वारा खेत जाकर सभी किसानों के बीच किया गया फसल प्रदर्शन। वन्देवार जी ने सभी किसानों को जागरूक करते हुए बताया की यह फसल में सादा लामा लमेरा जो धान होती है वह पूरी तरह खत्म हो जाती है। इसमें सिर्फ वही धान बचती है जो किसान ने लगाया हुआ है। इन्होंने बताया की जो रोपा होता है उसकी अपेक्षा यह बोआर में सादा लामा सजवान लामेरा की दिक्कत खत्म हो जाती है ग्राम किसान तोषण प्रसाद कटारे ने फसल प्रदर्शन मैं आए अधिकारियों एवम उपस्थित ग्रामीणों से बताया की रोपा पद्धति का प्रयोग कर उपज की गई धान मैं लागत के साथ साथ कड़ी मेहनत की समस्या का सामना करना पड़ता हैं किंतु फुल पेज सवा 134FP सवाना धान से सीधे डीएसआर(बुआर) करके लागत की बचत भी होती है और कम मेहनत मैं ज्यादा पैदावार प्राप्त होती है।

 

कार्यक्रम में मुख्य रूप से किसान मोर्चा महामंत्री अमित कटारे, जीआरएस संजय कटारे, वरिष्ठ किसान संतोष कटारे, पुतर्रा पंचायत सचिव बनवारी धुर्वे, छोटू पूसाम, करण मरावी, तीतू सिंह मरावी,मिस्टर मरावी,सुरेश उइके,ग्राम कोटवार राजेंद्र सोनवानी,गजराज परते,सोहन पंडा,अरविंद सरोते,गंगाराम मरकाम, रेवा मर्सकोले, मनुआ मरकाम, एवम् समस्त ग्राम किसान सम्मिलित हुए।

 

 

इनका कहना है…. 

मैने इस मानसून सत्र में फुल पेज धान सवाना कंपनी की डीएसआर विधि से बोनी की। मुझे यह धान रोपा से भी अच्छी लगी। इस धान में कल्ले फूटते है एवं इसका जो नींदा नाशक आता है वह सभी नींदा खरपतवार अन्य धान को नष्ट कर देता है।

श्री तोषण प्रसाद कटारे, वरिष्ठ किसान कटारे मोहगांव

मैने अपनी कृषि भूमि मैं विगत वर्ष धान की फसल डीएसआर पद्धति से फुल फैज सवा 134FP (सवाना धान) की बुआई की थी जिसकी फसल अपेक्षा से ज्यादा पैदावार कम लागत मैं हासिल हुई मैं सभी को रोपा पद्धति की अपेक्षा डीएसआर पद्धति उपयोग करने की सलाह देता हूं।

श्री दयाराम गुमास्ता, वरिष्ठ किसान तुइयापानी

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