जबलपुरमध्य प्रदेश

राता के जंगल में दौड़ रहा करंट, तीन बोदा की मौत : ग्रामीणों ने जताई करंट से मौत की आशंका

 

मंडला , यश भारत l वन परिक्षेत्र राता के कक्ष क्रमांक 792 झांगुल गिधली घुघरा वाटर फॉल नाका के पास तीन बोदा मृत अवस्था में मिले है। ग्राम सुरपाटी के ग्रामीणों ने इन मृत अवस्था में बोदा को देखा। जिसकी जानकारी ग्रामीणों ने तत्काल वन विभाग को दी। घटना में बोदा को करंट लगने की आशंका जताई जा रही है।

 

 

वन विभाग के रेंजर डिप्टी रेंजर और वन कर्मी ने मौका स्थल का निरीक्षण कर घटना की जांच प्रारंभ कर दी है। मृत मिले बोदा का पशु चिकित्सक डॉ. निवेदिता कुशराम द्वारा परीक्षण किया गया। जिसमें प्रथम दृष्टया करंट की चपेट में आने से बोदा की मौत की आशंका है।बताया गया कि मृत मिले बोदा के मालिक ईश्वर उड़के, अमर सिंह मलगाम, झांम सिंह धुर्वे निवासी सूरपाटी है। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम इस घटना की जांच कर रही है। वन विभाग ने पशु चिकित्सक से मृत बोदा का पीएम कराया है। इस मामले की जांच की जा रही है। जिसमें आशंका जताई जा रही है कि शिकार के लिए शिकारियों द्वारा फैलाये गये करंट की चपेट में आने से इन तीनों बोदा की मौत हो गई है। घटना स्थल पर रेंजर बम्हनी अजय भाकोड़े, डिप्टी रेंजर शिवम शुक्ला, वनरक्षक दुष्यंत कुशराम, ओमकार यादव, पशु चिकित्सक डॉ. निवेदिता कुशराम डॉ एनएस पट्टा मोजूद रहे।

सात माह पूर्व भी हुई घटना

जानकारी अनुसार करीब सात माह पूर्व 26 जुलाई को ग्राम राता के कक्ष क्रमांक 787 के जंगल में एक मृत तेंदुए का शव मिला था। ग्रामीणों के अनुसार इस तेंदुए की मौत भी जंगल में फैलाए गए करंट की वजह से हुई थी। मृत तेंदुए के गले में जले के निशान भी मिले थे। ऐसी अनेकों घटना राता पोंडी सुरपाटी के वन क्षेत्र में हो चुकी है। शिकार रोकने के लिए वन विभाग के पास कोई योजना नहीं है। बता दे कि वन परिक्षेत्र बम्हनी के राता जंगल जो कान्हा नेशनल पार्क से लगा हुआ है। यहां वन्य प्राणी हमेशा देखे जाते है। बफर जोन होने के कारण इस क्षेत्र में टाइगर भी नजर आते है।

आदिवासी ग्रामीण भी आ चुका करंट की चपेट में

ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में भी शिकार की कई घटना पोंडी, राता, सूरपाटी में हो चुकी है। पोंडी में शिकार की एक घटना में टाटरी का एक आदिवासी ग्रामीण करंट वाले तार में फंस कर काल के गाल में समा गया था। जिस पर टाटरी पुलिस द्वारा बड़ी मात्रा में जीआई तार के बंडल और खुटे जब्त किये थे। ऐसी घटनाओ को लेकर विभाग हमेशा लीपापोती करता रहा है। कान्हा और कान्हा से सटे ग्रामों में शिकार की कई घटनाएं आम हो चुकी है लेकिन वन विभाग के आला अधिकारियों द्वारा शिकारियों को पकड़ने में नाकाम हो रहा है। इसके साथ ही जंगल की अंधाधुंध कटाई भी हो रही है और रेत माफिया भी इस क्षेत्र में काफी सक्रिय है।

घटना को लेकर ग्रामीणों में है आक्रोश

बता दे कि करंट की घटना को लेकर ग्रामीणों में वन विभाग के खिलाफ काफी आक्रोश देखा जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि वन अपराधों में वन विभाग के आला अधिकारी अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि आखिर ये घटनाएं कब रुकेंगी। जंगलों से बड़ी संख्या में पेड़ की अवैध कटाई की जा रही है। जंगलों से बहने वाली नदी, नालों से रेत का अवैध उत्खन्नन भी धड़ल्ले से जारी है। जंगलों की बेस कीमती लकड़ियों की कटाई वन माफियाओं द्वारा की जा रही।

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