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मुंबई में 30 साल पुराने जैन मंदिर की तोड़फोड़ी के खिलाफ़ जैन जनजात का यशःन्त प्रदर्शन

मुंबई में 30 साल पुराने जैन मंदिर की तोड़फोड़ी के खिलाफ़ जैन जनजात का यशःन्त प्रदर्शन शीर्षक: कोर्ट की सुनवाई से पहले भी BMC ने तोड़ा मंदिर, जनता में गुस्सा, बोले - "हम कमजोर नहीं, मंदिर वहीं बनाएंगे"

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मुंबई, 19 अप्रैल 2025: मुंबई के कांदिवली (ईस्ट) स्थित पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर को लेकर एक बड़ी विवादित घटना सामने आई है। मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने 16 अप्रैल को इस 30 वर्ष पुराने जैन मंदिर को तोड़ने की कार्रवाई की, जिससे पूरे जैन समाज में गहरा रोष फैल गया। मंदिर तोड़ने की यह कार्रवाई उस समय हुई जब कोर्ट में इस मामले की सुनवाई अगली ही सुबह, यानी 17 अप्रैल को निर्धारित थी। इस जल्दबाजी और कथित धार्मिक स्थल को गिराने की कार्रवाई को लेकर समाज में भारी आक्रोश फैल गया है।

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हजारों की संख्या में जुटे श्रद्धालु, शांतिपूर्ण विरोध के साथ दी एकता की मिसाल मंदिर के विध्वंस के विरोध में हजारों की संख्या में जैन समाज के लोग, साधु-साध्वियाँ और आम नागरिक सड़कों पर उतर आए। “हम कंजोर नहीं, मंदिर वहीं बनाएंगे” जैसे नारों के साथ प्रदर्शनकारियों ने बीएमसी के कदम की कड़ी आलोचना की। इस विरोध में मुंबई ही नहीं, बल्कि देशभर से समाज के प्रमुख साधु-संत, सामाजिक कार्यकर्ता और जैन संगठनों ने भाग लिया।

धार्मिक भावना से खिलवाड़ या प्रशासनिक कार्रवाई? इस पूरे मामले में जैन समाज का कहना है कि बीएमसी ने अदालत की सुनवाई से ठीक पहले मंदिर को गिराकर धार्मिक आस्थाओं को ठेस पहुँचाई है। समाज का आरोप है कि मंदिर को अनधिकृत बताकर तोड़ना न केवल गैरकानूनी था बल्कि यह धार्मिक स्वतंत्रता का भी उल्लंघन है।

BMC की दलील: बीएमसी अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई अतिक्रमण हटाने के तहत की गई और मंदिर का निर्माण बिना उचित अनुमति के किया गया था। बीएमसी का यह भी दावा है कि उन्हें हाईकोर्ट से आदेश प्राप्त था, जबकि समाज ने इसका खंडन किया है और दस्तावेज़ों सहित प्रमाण दिए हैं कि मामला अभी विचाराधीन था।

राजनीतिक और सामाजिक हलकों में मचा हड़कंप इसdownload 11 मुद्दे ने राजनीतिक रंग भी पकड़ लिया है। कई सामाजिक संगठनों, विपक्षी नेताओं और धार्मिक गुरुओं ने इस घटना की निंदा की है और राज्य सरकार से इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। महाराष्ट्र सरकार पर दबाव बढ़ रहा है कि वह इस मामले में स्पष्ट रुख अपनाए और दोषियों पर कार्रवाई करे

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