जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

सहकारिता कर्मचारियों का आंदोलन: भाजपा के पूर्व मंत्री ने कहा सरकार के कर्मचारी नहीं हो, तय करें फिर मांग करो

जबलपुर, यशभारत। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर चरणबद्व आंदोलन कर रहे सहकारिता कर्मचारी जब पाटन विधायक और पूर्व मंत्री अजय विश्रोई के पहुंचे तो उन्होंने कर्मियों की मांगों को जायज बताते हुए कहा कि पहले कर्मचारी तय कर लें कि वह मप्र सरकार के कर्मचारी है की नहीं है। तय होने के बाद ही कर्मचारी अपनी मांगे सरकार के समक्ष रखें।
सहकारिता कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि 21 मार्च से संगठन मांगों को लेकर आंदोलनरत है। 21 मार्च को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर मांग के समर्थन में ज्ञापन दिए गए। 23 मार्च को भोपाल मे प्रदेश सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया के बंगले का घेराव व प्रदर्शन किया जा चुका है। अनिश्चितकालीन आंदोलन उपरांत एक अप्रैल को प्रदेश भर के कर्मचारी भोपाल में एकत्र होकर मुख्यमंत्री निवास का घेराव और सामुहिक इस्तीफा देगें। विदित हो कि पूर्व में 25 फरवरी को महासंघ के मांगपत्र अनुसार सहकारिता मंत्री ने वीडियो के माध्यम से सहकारी संस्थाओं के समस्त कर्मचारियों को समान वेतन दिए जाने की घोषणा की थी, लेकिन घोषणा के अनुरूप आयुक्त एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं द्वारा जारी आदेश 10 मार्च 2022 को प्रशासनिक स्तर पर सेवा नियमानुसार वेतन दिए जाने के आदेश जारी किए गए जो न्यायोचित नहीं है।

इसे शीघ्र सुधारा जाए। सहकारी कर्मचारियों की प्रमुख मांगों के बारे मे बताया कि सहकारिता मंत्री की घोषणा के अनुरूप प्रदेश शासन के अन्य कर्मचारियों की भांति समान वेतनमान दिया जाए। बैंक कैडर भर्ती में संस्थाओं से कर्मचारियों की प्रदेश स्तर पर भर्ती प्रक्रिया में एकरूपता और नियमों में शिथिलता लाकर भर्ती की जाए। प्रदेश के कर्मचारी हड़ताल करने से सहकारी संस्थाओं द्वारा संचालित उचित मूल्य की दुकानें शासकीय समर्थन मूल्य से रबी फसल उपार्जन केंद्र और सहकारी संस्थाओ के कामकाज ठप हो गया है।

Yash Bharat

Editor With मीडिया के क्षेत्र में करीब 5 साल का अनुभव प्राप्त है। Yash Bharat न्यूज पेपर से करियर की शुरुआत की, जहां 1 साल कंटेंट राइटिंग और पेज डिजाइनिंग पर काम किया। यहां बिजनेस, ऑटो, नेशनल और इंटरटेनमेंट की खबरों पर काम कर रहे हैं।

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