भगवान श्रीराम की तपस्थली चित्रकूट में दिवाली मनाई जा रही है। यहां धनतेरस से शुरू हुआ मेला भाई दूज तक चलेगा। देशभर से आए श्रद्धालु मंदाकिनी नदी में दीपदान करने पहुंचे हैं। वे मंदाकिनी में स्नानकर सुख-समृद्धि की कामना कर रहे हैं।
कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या पर भगवान श्रीराम की तपस्थली चित्रकूट में प्रकाश पर्व दीपावली की धूम है। यहां धनतेरस पर लगने वाला मेला भाई दूज तक चलता है। मेले में शामिल होकर पावन सलिला मंदाकिनी में दीपदान करने देशभर से लाखों श्रद्धालु चित्रकूट पहुंचे हैं। गुलाबी ठंड के बीच मंदाकिनी में आस्था की डुबकी लगाकर श्रद्धालु सुख-समृद्धि की कामना से दीपदान कर रहे हैं। भगवान कामतानाथ के दर्शन कर कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा लगा रहे हैं।
यूं तो चित्रकूट में हर अमावस्या पर श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है, लेकिन दीपावली की अमावस्या का विशेष महत्व होने के कारण यह संख्या कई गुना बढ़ जाती है। प्रति वर्ष यहां 5 दिनों तक चलने वाले मेले में देश भर से करीब 40 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस बार संख्या बढ़ने का अनुमान है।
दिवारी नृत्य होगा, गधों का मेला लगेगा
चित्रकूट में दीपोत्सव के अवसर पर पारंपरिक लोक आयोजनों की झलक भी दिखाई पड़ती है। दीपदान मेले पर परीवा को यहां पारंपरिक दिवारी नृत्य होगा तो नगर पंचायत चित्रकूट एमपी के सौजन्य से गधों का मेला भी लगेगा। गधों के इस मेले में करोड़ों का कारोबार होता है।