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विद्यार्थी के बेहतर भविष्य और विकसित भारत के निर्माण में उन्हें रोजगार के लिए प्रशिक्षित बनाना भी जरूरी : प्राचार्य डॉ सरोज गुप्ता

मीडिया के क्षेत्र में मस्तिष्क, आंख, कान, और जुबान के साथ-साथ कलम चलाने के लिए हाथ को भी सजग रखने की आवश्यकता- डॉ आशीष द्विवेदी

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सागर यश भारत (संभागीय ब्यूरो)/ शासकीय कला एवं वाणिज्य अग्रणी महाविद्यालय सागर के विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ द्वारा विद्यार्थियों को मीडिया में रोजगार की संभावनाएं विषय पर प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ सरोज गुप्ता ने की। कार्यशाला के प्रशिक्षक इंक मीडिया के निदेशक डॉ आशीष द्विवेदी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे।

मध्यप्रदेश शासनउच्च शिक्षा विभाग द्वारा संचालित विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन योजना के अंतर्गत आयोजित प्रशिक्षण कार्यशाला में अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ सरोज गुप्ता ने कहा कि मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग की मंशा के अनुरूप महाविद्यालय द्वारा अपने विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ साथ रोजगार के अवसरों का भी प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि यहां से निकलने वाले विद्यार्थी अपने बेहतर भविष्य का निर्माण कर विकसित भारत अभियान में अपना योगदान दे सकें। इसी के तहत पत्रकारिता की शिक्षा के प्रबुद्ध हस्ताक्षर डॉ आशीष द्विवेदी के माध्यम से मीडिया के क्षेत्र में रोजगार के अवसरों का शिक्षण और प्रशिक्षण यहां प्रारंभ किया जा रहा है।

कार्यशाला के प्रशिक्षक और इंक मीडिया संस्थान के निदेशक डॉ आशीष द्विवेदी ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि मीडिया के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं खुली हुई है। समाचार लेखन से लेकर मीडिया संस्थान की स्थापना, प्रबंधन और प्रसार में भी रोजगार की पर्याप्त संभावनाएं हैं। यह एक ऐसा क्षेत्र है जो खुला तो सबके लिए होता है लेकिन प्रभावित किसी से नहीं होता। यही बात हमारे व्यक्तित्व के निर्माण पर भी लागू होती है। मीडिया के क्षेत्र में आने पर हमें अपने विचारों को किसी से प्रभावित नहीं होने देना चाहिए। मीडिया के रूप में अखबार से शुरू हुई यात्रा के अब कई रूप हो गए हैं। इनमें प्रिंट मीडिया के रूप में अखबार, पत्रिकाएं, और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के क्षेत्र में टीवी व रेडियो चैनल के साथ-साथ मोबाइल फोन की भी भूमिका लगातार बढ़ रही है। मीडिया के क्षेत्र में भविष्य बनाने के लिए अच्छा लिखना और अच्छा बोलना पहली जरूरत होती है। जिसके आधार पर ही विचारों का संयोजन संभव होता है। मीडिया के क्षेत्र में कम करते समय शरीर की इंद्री के रूप में मस्तिष्क, आंख, कान, और जुबान की साथ-साथ कलम चलाने के लिए हाथ को भी सजग रखना पड़ता है।

विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ की प्रभारी डॉ प्रतिभा जैन ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कार्यशाला की औचित्यता पर प्रकाश डाला कार्यशाला की औचित्यता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ संदीप सबलोक ने समाज और राष्ट्र के लिए मीडिया की उपयोगिता तथा विद्यार्थियों के लिए रोजगार के बेहतर विकल्प के रूप में मीडिया के महत्व को रेखांकित किया। हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ रंजना मिश्रा ने आभार ज्ञापित किया। इस अवसर पर डॉ जयनारायण यादव, डॉ सीपी सिंह, चंदन सिंह, भानुप्रिया पटेल, आकांक्षा सोनी सहित 120 प्रशिक्षु विद्यार्थियों की प्रमुख रूप से उपस्थिति रही।

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