युवक की नृशंस हत्या : आरोपी को आजीवन कारावास

मंडला lमाननीय तृतीय अपर सत्र न्यायालय जिला मण्डला द्वारा आरोपी हरिलाल करचाम पिता महरू करचाम उम्र 48 वर्ष, निवासी ग्राम धोबाबार, थाना घुघरी जिला मण्डला को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास एवं 1000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। अभियोजन कहानी संक्षिप्त में इस प्रकार है, कि साक्षी दयाल सिंह, फगनू, अंतराम और मृतक प्रेमलाल, अंतराम के घर के पास बैठे थे, उसी समय अभियुक्त हरिलाल ने आकर मृतक प्रेमलाल से मारपीट की थी और उन्हें बीच-बचाव कर अलग कर दिए थे और उसके बाद साक्षी मिटठनलाल व गेंदलाल ने स्कूल ग्राउंड के पास देखा कि अभियुक्त हरिलाल बोल रहा था कि आज मुझे पत्थर मारा है जान से खत्म कर जेल चला जाउंगा । साक्षी गेंदलाल ने उक्त घटना की सूचना मृतक प्रेमलाल की पत्नी अनुसुईया बाई को दी। वहां से अनुसुईया बाई मृतक के लिये पानी लेने घर चली गई और मृतक की पुत्री यशोदा, गेंदलाल के साथ ग्रांउड गई और फिर उसने घर आकर अनुसुईया बाई को बताई तब वह स्कूल ग्राउंड गई, तो प्रेमलाल जमीन में गिरा पड़ा था, उसके मुंह से खून निकल रहा था, उसकी टी-शर्ट वही पड़ी थी तब उसने प्रेमलाल को पानी पिलाई तो थोड़ा सा पानी पिया, बोल चाल नहीं कर रहा था। गेंदलाल ने 100 नंबर पर फोन लगाया तथा घुघरी अस्पताल में मृत्यु हो गई, जिसकी सूचना अस्पताली मेमो के माध्यम से थाना घुघरी में प्राप्त होने पर उपनिरीक्षक एस.एस.उसराठे ने सी.एच.सी. घुघरी पहुंचकर मृतक की पत्नी अनुसुईया बाई के बताये अनुसार देहाती नालसी रिपोर्ट एवं मर्ग इंटीमेशन रिपोर्ट लेखबद्ध की।
तत्पश्चात मृतक का शव पंचनामा तैयार कर शव परीक्षण कराया गया, जिसमें मृतक की मृत्यु सिर में चोट और फेफड़े में आयी चोट की वजह से उत्पन्न सदमें की वजय से होना लेख किया गया है। तत्पश्चात देहाती नालसी रिपोर्ट के आधार पर अभियुक्त हरिलाल के विरूद्ध थाना घुघरी में अपराध क्र.173/2022 अन्तर्गत धारा-302 भादवि का अपराध पंजीबद्ध किया गया। मामले की संपूर्ण विवेचना के उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्क से सहमत होते हुये विचारण उपरांत माननीय तृतीय अपर सत्र न्यायालय जिला मण्डला द्वारा आरोपी हरिलाल करचाम पिता महरू करचाम उम्र 48 वर्ष, निवासी ग्राम धोबाबार, थाना घुघरी जिला मण्डला को को को दोषी पाते हुये उक्त दण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक सौरभ दुबे के द्वारा की गई है।