जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

बेपटरी व्यवस्थाओं को संभालने अब नगरपालिका लेगी महिलाओं, दिव्यांग और थर्ड जेंडर का सहारा : व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी देने स्व सहायता समूहों का किया जा रहा गठन

दमोह। भ्रष्टाचार और कर्मचारियों की उदासीनता के चलते आमजन के बीच चर्चा का विषय बन चुकी नगर पालिका दमोह की व्यवस्थाओं को पटरी पर लाने के लिए अधिकारी अब नवाचार का सहारा ले रहे हैं। लगातार अमले की कमी और उदासीनता से जूझने के बाद अब विभाग महिलावर्ग, दिव्यांगजन और थर्ड जेंडर पर अपना भरोसा जता रहा है, जो नगर पालिका के कई आधारभूत व्यवस्थाओं की देखरेख की जिम्मेदारी उठाएंगे।

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राजस्व और सफाई जैसी व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी

नगर पालिका के इस नवाचार में महिला वर्ग सहित दिव्यांगजन और थर्ड जेंडर जिन व्यवस्थाओं को संभालेंगे उसमें राजस्व वसूली सहित सफाई, शौचालय, आश्रय स्थल, केंटीन और पार्कों की देखरेख शामिल है। इसके लिए वकायदा लोगों को चिन्हित कर समूह गठित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है और सब कुछ ठीक रहा तो आगामी कुछ दिनों में राजस्व वसूली के लिए थर्ड जेंडर, सफाई व्यवस्थाओं के लिए महिलाओं का समूह और पार्क और शौचालय, केंटीन आदि व्यवस्थाओं के संचालन के लिए दिव्यांगजन नगर पालिका की ओर से मैदान में होंगे।

दोनों पक्षों के लिए महत्वपूर्ण 

नगर पालिका दमोह का नवाचार सिर्फ नगर पालिका के लिए ही नहीं बल्कि इस कार्य से जुड़ने वाली महिलाओं दिव्यांगों और थर्ड जेंडर के लिए भी महत्वपूर्ण होगा। मुख्य नगरपालिका अधिकारी प्रदीप शर्मा का मानना है कि नगर पालिका से जुड़ी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां इन्हें सौंपने से व्यवस्थाओं की गुणवत्ता में सुधार तो होगा ही साथ ही यह सभी समाज की मुख्यधारा से जुड़ते हुए अपने लिए रोजगार के अवसरों का सृजन करेंगे। ऐसे में इस नवाचार से हम अपनी दोहरी जिम्मेदारियों को पूरा करने में सफल रहेंगे।

चुनौती है राजस्व और सफाई व्यवस्था

उल्लेखनीय है कि वर्तमान नगरपालिका में राजस्व वसूली और सफाई व्यवस्था एक बड़ी चुनौती है। जानकारी अनुसार वर्तमान में आमजनों का नगर पालिका टैक्स के रूप में 40 करोड़ रुपए बकाया है और आर्थिक संकट से जूझती नगरपालिका का राजस्व अमले को वसूली में पसीने छूटते दिखाई दे रहे है। इन हालातो के चलते एक माह पूर्व मुख्य नगरपालिका अधिकारी ने नाराजगी जताते हुए कार्यरत अमले को नोटिस जारी कर उनके मूल पद पर बापिस जाने के आदेश जारी किए थे, लेकिन उसके बाद भी अमले की कमी के चलते इस कार्य के लिए लोग चिन्हित नहीं हो सके जिसके चलते अब थर्ड जेंडर को राजस्व वसूली का कार्य दिया जा रहा है। ऐसे ही हालात नागपालिका के सफाई व्यवस्था के है जिसमें भी सफाई कर्मचारियों को मूल पद भेजे जाने के आदेश के बाद संबंधित कर्मचारियों ने भी अपना रोष जताया था और अब इसी सफाई व्यवस्था से जुड़ी कचरे के पृथककरण की जिम्मेदारी महिलाओं के स्व सहायता समूह के हाथों में होगी।

इनका कहना है… 

नगरपालिका की कई व्यवस्थाओं का संचालन अब स्व सहायता समूह के माध्यम से कराया जाएगा। जिसमें थर्ड जेंडर, महिलाएं और दिव्यांग शामिल है। इसके लिए लोगों को चयनित भी कर लिया गया है।

प्रदीप शर्मा

मुख्य नगरपालिका अधिकारी दमोह

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