मध्य प्रदेश

बारदानों की कमी, परिवहन की धीमी रफ्तार : मनमानी

धान उपार्जन के अंतिम दिनों में खुलकर सामने आ रही अनियमिताएं

 

कटनी, यशभारत। जिले में धान खरीदी के लिए अभी 10 दिन बाकी है लेकिन इसके पहले ही केन्द्रों में अनियमितताएं खुलकर सामने आने लगी हैं। कहीं बारदानों की कमी है तो कहीं परिवहन नहीं होने की वजह से केन्द्रों में धान का अंबार लग गया है। कलेक्टर अवि प्रसाद के निर्देशों की केन्द्र प्रभारी खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। केन्द्र प्रभारियों की मनमानी की वजह से किसान परेशान नजर आ रहा है। शिकायतों में बताया गया है कि केन्द्र प्रभारी किसानों से प्रति बोरी आधा किलो धान अधिक ले रहे हैं, जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस तरह की शिकायतें बहोरीबंद के केन्द्रों से मिल रही है। शिकायतों पर कार्रवाई नहीं होने से केन्द्र प्रभारियों के हौंसले बुलंद है।

बड़वारा के अमाड़ी केन्द्र में अव्यवस्थाओं का आलम

बड़वारा तहसील के अंतर्गत ग्राम निगहरा में धान खरीदी केन्द्र बनाया गया है। यहां सबसे ज्यादा अनियमितताएं देखने को मिल रही है। खरीदी के लिए अभी भी 10 दिन बाकी है, लेकिन इसके बावजूद यहां से किसानों को भाग दिया जा रहा है। किसानों ने अपनी शिकायत में बताया कि वे आसपास के गांवों से यहां अपनी उपज बेचने के लिए आए हैं, लेकिन केन्द्र प्रभारी द्वारा उपार्जन करने से साफ मना कर दिया गया है। जिसके चलते किसान अपनी उपज केन्द्रों में ही रखकर चले गए। किसानों का कहना है कि इस मौसम में वे अपनी उपज लेकर न तो गांव वापस जा सकते हैं और न ही अब बाजार में बेच सकते है। केन्द्र प्रभारी से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो पता चला कि वे घर पर आराम कर रहे हैं। निगहरा में वेयर हाऊस स्तर पर खरीदी हो रही है। यहां पर ऑपरेटर के भरोसे उपार्जन का पूरा काम चल रहा है। इस केन्द्र में करीब 20 से ज्यादा गांवों के किसान अपनी उपज लेकर पहुंचे हैं। केन्द्र में बारदाने की कमी की भी बात सामने आई। आपरेटर ने बताया कि बारदाने नहीं होने की वजह से किसानों की धान खुले आसमान के नीचे रखी हुई है। पिछले दिनों हुई बारिश की वजह से धान की बोरियां गीली हो गई है।

 

40 किलो की बोरी में एक से डेढ़ किलो अधिक ले रहे धान

 

जिले के बहोरीबंद तहसील के अंतर्गत धान खरीदी केंद्र सलैया पटोरी में भी अनियमिताओं का मामला सामने आया है। यहां केन्द्र प्रभारी संतोष विश्वकर्मा पर आरोप लगा है कि उनके द्वारा किसानों से अधिक धान ली जा रही है। शिकायतों में किसानों ने बताया कि केन्द्र प्रभारी द्वारा किसानों से 41 किलो 200 ग्राम से लेकर 41 किलो 500 ग्राम तक धान ली जा रही है। निर्देशों में साफ तौर पर कहा गया है कि प्रति बोरी 40 किलो धान भरनी चाहिए, लेकिन यहां बोरे में 41 किलो 500 तक धान भरी जा रही है। बताया जाता है कि सलैया पटोरी में आदिम जाति सेवा सहकारी समिति बाकल द्वारा धान का उपार्जन किया जा रहा है। अब इसी से अंदाजा लगा लीजिए कि जब एक बोरी में करीब एक से डेढ़ किलो अधिक धान ली जा रही है तो दिन भर में कितनी धान अधिक नहीं ली जाती होगी। जब एक खरीदी केंद्र का यह हाल है तो पूरे जिले में किस स्तर पर किसानों को परेशान किया जा रहा होगा।

 

बोरी की सिलाई में की जा रही अनावश्यक देरी

 

शिकायतों में यह भी बताया गया है कि केन्द्र प्रभारी द्वारा धान की तौल होने के बाद तत्काल सिलाई नहीं कराते हैं। जबकि स्पष्ट निर्देश हैं कि धान की तौल होने के बाद तत्काल सिलाई करवाई जाए लेकिन समिति प्रबंधक तत्काल बोरी की सिलाई नहीं कराते। खरीदी के समय तौल में समिति प्रबंधक किसानों से जो अतिरिक्त धान लेते हैं, उस अतिरिक्त धान को निकालने के बाद सिलाई करते हैं। फिर निकाली गई धान को उन किसानों के नाम से खपाया जाता है, जिनके पास कृषि जमीन तो होती है, साथ ही उनका पंजीयन भी होता है, लेकिन वे धान का उत्पादन नहीं करते हैं।

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