जबलपुरमध्य प्रदेश

फर्जी पत्रकारों के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत: जीआरपी-स्वास्थ्य विभाग में नौकरी लगवाने लिए थे 4 लाख रूपए

जमीन दिखाकर हड़प लिए साढ़े 6 लाख रूपए, माढ़ोताल पुलिस ने शुरू की जांच

जबलपुर, यशभारत। ग्वारीघाट , मदनमहल के बाद फर्जी पत्रकार गैंग का गढ़ा और माढ़ोताल थाना क्षेत्र में भी एक कारनामा सामने आया है । जहाँ दो तथाकथित फर्जी पत्रकारों ने मिलाकर जीआरपी एवं स्वास्थ्य विभाग में नौकरी लगवाने के नाम पर एक युवक से 4 लाख रुपए ऐंठ लिए । वहीं माढ़ोताल थाना में भी एक युवक ने शिकायत दी है कि संतोष जैन ने फर्जी पत्रकार ने करमेता में एक जमीन के सौदा के साढ़े 6 लाख रूपए लिए लेकिन जमीन नहीं दी। पीडि़तों की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया। इधर मदनमहल पुलिस पूर्व में पकड़े गए 4 आरोपी जेपी सिंह , संतोष जैन पंकज गुप्ता एवं विवेक मिश्रा को कोर्ट में पेश करेगी । पुलिस ने पूछताछ के लिए इन आरोपियों को 3 दिन रिमांड पर लिया हुआ था ।

गढ़ा पुलिस ने बताया कि रानी दुर्गावती बाई वार्ड गढ़ा निवासी 31 वर्षीय अभिषेक दीक्षित ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि पढ़ाई पूरी करने के बाद वह भी बेरोजगारी काट रहा था और बहुत परेशान या । इसी दौरान वर्ष 2019 में उसकी मुलाकात तथाकथित पत्रकार अंकित श्रीवास्तव और गौरव सोनी से हुई , दोनों ने अपने आप को पत्रकार बताते हुए अपनी एप्रोच के बारे में बताया । थोड़े दिनों बाद अंकित श्रीवास्तव और गौरव सोनी ने अभिषेक से कहा कि मेडिकल में वैकेंसी निकली और यदि वह भर्ती होना चाहता है तो उसके एवज में चार लाख रुपए ने होंगे । अभिषेक ने दोनों के झांसे में आ गया और फिर उसने किश्तों में उन्हें नगद व चैक के माध्यम से चार लाख रुपए दे दिए । रकम देने के थोड़े समय बाद ही अभिषेक को उनका फर्जीवाड़़ा समने आ गया और उसने अपनी रकम वापस मांगी लेकिन अंकित और गौरव आनाकानी करने लगे । उन दोनों के इस रवैये से परेशान होकर अभिषेक ने थाने पहुंचकर पुलिस को पूरी बात से अवगत करा दिया ।

जमीन का सौदा हुआ, पैसा लिया पर जमीन नहीं दी
जानकारी के मुताबिक पीडि़त अभिषेक ने करीब 6 माह पूर्व अपने साथ हुई धोखाघड़ी का आवेदन गढ़ा थाने में दिया था । एक युवक ने माढ़ोताल थाने में भी एक शिकायत दी है जिसमें बताया गया कि फर्जी पत्रकार संतोष जैन ने करमेता की एक जमीन का सौदा साढ़े 6 लाख में किया पैसे लिए पर जमीन आज तक उसे नहीं दी गई। पुलिस ने दोनों मामलों की तत्काल जांच शुरू कर दी है। गढ़ा पुलिस के अनुसार युवक के साथ नौकरी लगवाने के मामले में आरोपियों की कई बार नोटिस भेजा , हर बार नोटिस तामील भी हुआ लेकिन आरोपी एक भी बार थाने नहीं आए । बताया जा रहा है जैसे ही उन्हें नोटिस भेजा जाता , वे जांच अधिकारी के व्हाटसएप पर एसपी, एएसपी , सीएसपी और थाना प्रभारियों के साथ अपनी फोटो भेज देते थे । इसके बाद जांच अधिकारी या थाने का कोई भी स्टाफ जालसाजों को फोन करता तो वह एप्रोच बताकर मामला शांत करा देते थे।

Yash Bharat

Editor With मीडिया के क्षेत्र में करीब 5 साल का अनुभव प्राप्त है। Yash Bharat न्यूज पेपर से करियर की शुरुआत की, जहां 1 साल कंटेंट राइटिंग और पेज डिजाइनिंग पर काम किया। यहां बिजनेस, ऑटो, नेशनल और इंटरटेनमेंट की खबरों पर काम कर रहे हैं।

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