पमरे ने गिनाई उपलब्धियां: देश में सबसे तेज रफ्तार से मालगाड़ी दौड़ रही हैं
जबलपुर। पश्चिम मध्य रेलवे (पमरे) जीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने दो वर्ष के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाई। बताया कि पमरे ने द्वितीय श्रेणी के कोच का 178 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से सफल ट्रॉयल किया है। वहीं देश में सबसे तेज रफ्तार से मालगाड़ी दौड़ा रही है। कुछ रूट पर औसत रफ्तार 75 किमी प्रति घंटे त पहुंच गई है। वहीं पांच महीने में 94 किमी दोहरी व तिहरी लाइन का काम पूरा किया है। कोविड की महामारी के बीच पमरे ने कमाई के अतिरिक्त विकल्प खोजे हैं। वर्तमान में जोन में 6 मेमू ट्रेन संचालित हो रही हैं।
जीएम गुरुवार 15 सितंबर को अपने दो साल के कार्यकाल की उपलब्धियां बता रहे थे। जीएम ने बताया कि-स्टेशन री-डेवलपमेंट में जबलपुर और सोगरिया (कोटा मण्डल) स्टेशनों को पुनर्विकसित और हबीबगंज को वर्ल्ड क्लास स्टेशन बनाया जा रहा है। पिछले दो सालों में 209 किमी नई लाइन व दोहरीकरण और 132 किमी तिहरीकरण का कार्य पूरा कर लिया है। इस वर्ष भी अब तक 61 किमी दोहरीकरण और 33 किमी तिहरीकरण का कार्य पूरा कर ट्रेन का संचालन शुरू कर दिया गया।
पमरे जोन की ये है प्रमुख उपलब्धि
- 03 ऑक्सीजन जनरेटिंग प्लांट्स (जबलपुर, भोपाल एवं कोटा) स्थापित।
- भारतीय रेल पर पहला न्यू मॉडिफाइड गुड्स हाई स्पीड (NMGH) रेक को सीआरडब्लूएस भोपाल द्वारा विकसित किया गया।
- मध्यप्रदेश का पहला ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट पमरे के हबीबगंज में स्थापित किया गया।
- पश्चिम मध्य रेल में पहला ऑन लाईन मॉनेटरिंग सिस्टम (OMRS) कटनी-सिंगरौली रेलखण्ड पर स्थापित किया।
- देश भर में पमरे ने मालगाड़ी स्पीड में प्रथम स्थान हासिल किए हुए हैं।
- पमरे के सीआरडब्ल्यूएस भोपाल कारखाने ने लक्ष्य से 55% से अधिक कोचों का और डब्ल्यूआरएस कोटा कारखाने ने लक्ष्य से 25% अधिक वैगनों का निर्माण किया है।
- पमरे ने एसी द्वितीय श्रेणी के कोच का 178 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रॉयल किया।
- पमरे ने 94 किमी का दोहरीकरण/तिहरीकरण किया।
- पमरे ने ऑनलाईन फ्रेट पेमेंट सिस्टम के अंतर्गत 1200 ट्रांजेक्शन से 238 करोड़ का राजस्व प्राप्त किया।