धर्म बदलने वाले आदिवासी परिवार का बहिष्कार:छिंदवाड़ा के एक परिवार ने अपनाया ईसाई धर्म; समाज की पंचायत ने कहा- इनके घर का दाना-पानी तक ग्रहण नहीं करेंगे
छिंदवाड़ा जिले में ईसाई धर्म अपनाने वाले परिवार का आदिवासी समाज ने पंचायत बुलाकर बहिष्कार कर दिया। पंचायत ने फरमान सुनाया कि धर्म बदलने वाले परिवार के घर का कोई भी दाना-पानी ग्रहण नहीं करेगा। न ही कोई इनके यहां किसी भी तरह के कार्यक्रम में शामिल होगा। ईसाई धर्म अपनाने वाले परिवार में 12 सदस्य हैं।
बिछुआ के अंबाड़ी में रविवार को आदिवासी समाज ने पंचायत बुलाई। मामला गंभीर होने के कारण बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग जमा हुए थे। पंचायत में एक परिवार के सभी 12 सदस्यों के ईसाई धर्म अपना लेने पर समाज से बहिष्कृत करते हुए आदिवासी समाज को भी कई नियम-कायदों में बांधा है। ग्राम सभा ने निर्णय किया है कि जो परिवार आदिवासी परंपरा, संस्कृति, रीति-रिवाज को नहीं मानता वो आदिवासी परंपरा के खिलाफ है। उसे समाज में कोई जगह नहीं मिलेगी।
कोई मदद नहीं करेगा
पंचायत ने प्रशासन से मांग की है कि परिवार को आदिवासी हित में मिलने वाले सभी अधिकार समाप्त कर दिए जाएं। पंचायत ने कहा कि धर्म बदलने वाले परिवारों का अब पूरी तरह बहिष्कार होगा। जो परिवार आदिवासी परंपरा को नहीं मानते, उनका गांव और पारिवारिक कार्यक्रमों से भी बहिष्कार होगा। इन परिवारों में जन्म से लेकर मृत्यु संस्कार में कोई भी शामिल नहीं होगा। इसके अलावा कोई भी ग्रामीण इनकी किसी भी प्रकार से मदद नहीं करेगा।
खमारपानी चौकी के एसआई तरुण सिंह मरकाम ने धर्मांतरण के मामले में कहा कि कुछ लोग प्रार्थना कर रहे थे, उन लोगों को समझाइश देने के लिए भी सामाजिक पंचायत का आयोजन किया गया था। इस दौरान उनका कहना था कि प्रार्थना करने से उनकी बीमारी खत्म हो जाती है। मामले की जांच की जा रही है।