घर-घर विराजेंगे भगवान गणेश, लल्ला के दर्शन करने भक्त आतुर : 7 सितंबर को गणेश चतुर्थी, प्रशासन की तैयारियां जारी
नरसिंहपुर यशभारत। गणेश चतुर्थी त्योहार को लेकर प्रशासन ने कमर कस ली है। प्रशासन ने नगर मेंं साफ-सफाई, बिजली, पानी की व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए अधिकारी-कर्मचारियों को निर्देशित किया है।
भगवान श्रीगणेश के स्वागत के लिए भक्त तैयारियों में जुटे हैं। 7 सितंबर को घर-घर में गणपति विराजमान होंगे। 10 दिवसीय गणेशोत्सव की शुरुआत के मद्देनजर पंडाल सज गए हैं और तैयारियां करीब-करीब पूरी हो चुकी हैं। मूर्तिकार भी पर्व के मद्देनजर अति व्यस्त नजर आ रहे है।
सजने लगे गणेश पंडाल
नगर में कई स्थानों पर गणेश प्रतिमाएं स्थापित की जाती है। पर्व के नजदीक होने के कारण गणेश पंडालों के सदस्यों द्वारा गणेश पंडाल बनाने में व्यस्त नजर आ रहे है, वहीं बारिश को देखते हुए सदस्यों द्वारा अपने-अपने पंडालों को ऊपर त्रिपाल से ढाका गया है जिससे बरसात का पानी पंडाल में प्रवेश न कर सके।
नगर में लगी गणेश प्रतिमाओं की दुकानें
नगर में गणेश प्रतिमाओं की दुकानें सज गयी है। अन्य जिलों से आकर भगवान श्री गणेश की प्रतिमाएं बेचने के लिए लोग आ गये है। बाजार में छोटी से लेकर बड़ी मूर्तियां बेची जा रही है। वहीं रंग बिरंगी लाईट की दुकानें भी सज गयी है। इन दुकानों पर पहुंंचकर लोग खरीदी में जुटे है। पुराने बस स्टेंड के पास लगी रंगीन वल्व की दुकानों में काफी संख्या में नागरिक पहुंचकर खरीद-फरोख्त कर रहे है। वहीं नगर में पूजन सामग्री की दुकानें भी सज गयी है।
स्थापना के लिए ले जायी जा रही मूर्तियां
नगर में गणेश प्रतिमाओं का निर्माण करने वाले मूर्तिकारों के पास भी गणेश पंडालों के सदस्यों की काफी भीड़भाड़ देखी जा रही है। दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में गणेश जी की प्रतिमाएं स्थापित करने के लिए ग्रामीण अभी से ही मूर्ति ले जाने लगे हुए है।
किये गये पुख्ता इंतजार
आगामी माह सितम्बर में गणेश चतुर्थी, दुर्गा पूजन का सामाजिक त्योहार मनाया जाना है जिसमे श्रद्धालुओं द्वारा मूर्ति की पूजन की जाती है एवं पूजन उपरांत मूर्तियों को जल स्रोतो मे विसर्जित करने की परंपरा है। प्राकृतिक जल स्रोतो नदी, तालाब आदि में मूर्ति के विसर्जन से जल स्रोतो की गुणवत्ता प्रभावित होती है। प्राकृतिक जल स्रोतो की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए मूर्तियों के निर्माण, स्थापना व विसर्जन हेतु केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण वोर्ड द्वारा मार्गदर्शिका अनुसार दिशा निर्देश जारी किए गए है जिसके अंतर्गत मूर्ति के निर्माण मे प्लास्टर ऑफ पेरिस का उपयोग नहीं किया जाना है, मूर्ति निर्माण मे रंगरोगन एवं सजावट मे सिंथेटिक रंगों हानिकारक रसायनों से युक्त रंग तैलीय रंग, प्लास्टिक एवं थर्माकोल के आभूषण एवं सजावट आदि मे प्रयोग ना करे। प्रकृतिक रंगो एवं नदी तालाब की मिट्टी से ही मूर्ति निर्माण मे किया जावे। पर्वो के दौरान ध्वनि विस्तारक यंत्रो निर्धारित वाल्यूम का उपयोग किया जावे। मूर्तियों का विसर्जन कृत्रिम कुंडो मे किया जावे।
विसर्जन के पूर्व मूर्तियों पर लगे प्लास्टिक की सामाग्री एवं सजावटी सामान प्रथक किया जाना आवश्यक है ताकि उक्त सामग्री का प्रथक से कंपोस्टिंग रीसाइकिल डिस्पोजल कराया जा सके। नगरीय प्रशासन आम नागरिकों, मूर्ति स्थापना पंडालो एमूर्तिकारो से विनम्र अनुरोध करता है कि उपरोक्त सभी निर्देशों का ध्यान मे रखते हुये सभी पर्वो को शालीनता एवं नियमो के पालन करते हुये मनाए नगर पालिका प्रशासन आने वाले पर्वो पर प्रकाश, पानी एवं सफाई की उचित व्यवस्था पूर्व की भाति करेगा।