केंद्र सरकार के खिलाफ जबलपुर का सराफा बाजार बंद: हॉलमार्क व्यवस्था काला कानून, एचयूआईडी को बर्दाश्त नहीं करेंगे
जबलपुर। केंद्र सरकार के खिलाफ आज जबलपुर सराफा बाजार पूरी तरह से बंद था। हॉलमार्क यूनिक आईडेंटिफिकेशन नंबर (एचयूआईडी) व्यवस्था का विरोध कर रहे सराफा व्यापारियों का कहना है कि हालमार्क व्यवस्था काला काननू है,एचयूआईडी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे एचयूआईडी नियम को लेकर सराफा एसोसिएशन ने सांसद राकेश सिंह से मुलाकात की और समस्या से अवगत कराया।
हालमार्क ठीक है लेकिन एचयूआईडी नहीं
सराफा एसोसिएशन अध्यक्ष राजा सराफ ने बताया कि सरकार एचयूआईडी के बहाने व्यापारी और ग्राहक की ट्रेकिंग करना चाहती है। जून माह में हॉलमार्क व्यवस्था को स्वीकार किया गया परंतु एचयूआईडी को मान्य नहीं करेंगे। भारतीय मानक ब्यूरो के अधिकारी के पिछले दरवाजे से एचयूआईडी लेकर आए उसका विरोध किया जा रहा है।
50 हजार की ज्वलेरी खरीदने पर जीएसटी-आयकर विभाग के पास रहेगी जानकारी
बाजार बंद कर विरोध कर रहे सराफा एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि एचयूआईडी व्यवस्था लागू होने से ग्राहक अगर 50 हजार से ज्यादा की ज्वेलरी खरीदता है तो उसकी जानकारी जीएसटी और आयकर विभाग के पास रहेगी जो गलत है। ग्राहक थोड़ी से रकम जमा करके ज्वलेरी खरीदता है और माह किस्त के रूप में ज्वेलरी की रकम अदा करता है।
पोर्टल में डालनी होगी पूरी जानकारी
सरफा एसोसिएशन के मंत्री अनूप अग्रवाल का कहना है कि एचयूआईडी व्यवस्था लागू होने से सबसे ज्यादा परेशानी ग्राहकों को होगी। इस नियम के तहत मुख्य रूप से पूरी लिखा पढ़ी होगी, जो जेवर बनेगा उसकी भारतीय मानक ब्यूरो की जानकारी पोर्टल में डालनी होगी उसका वेरीफेकशन होगा इसके बाद जेवर को हॉलमार्क के लिए भेजना पड़ेगा। उपभोक्ता का पूरा डाटा भी दुकानदार को देना होगा।
ज्वैलर्स के सामने क्या समस्याएं हैं
-महंगे आभूषणों को कई दिनों तक हॉलमार्किंग केंद्रों पर छोड़ना पड़ता है।
-एचयूआईडी सहित कुल आठ मार्किंग होती है, जिससे आभूषण की सुंदरता प्रभावित हो रही।
-हॉलमार्किंग के लिए आभूषण से सोना निकाला जाता है, जिससे कई बार आभूषण खराब हो जाते हैं।
-इस प्रक्रिया में आभूषणों में होने वाले नुकसान की भरपाई ज्वैलर्स को ही करनी पड़ती है।
-हॉलमार्किंग और आभूषण बिकने के बाद भी किसी विवाद की स्थिति में ज्वैलर्स की जिम्मेदारी तय की जाती है।
सरकार से प्रमुख मांग क्या है
-एचयूआईडी की प्रक्रिया हॉलमार्किंग केंद्रों पर होनी चाहिए, ज्वैलर्स के ऊपर नहीं।
-40 लाख से कम टर्नओवर वाले आभूषण विक्रेताओं से लाइसेंस नहीं मांगा जाना चाहिए।
-अभी हॉलमार्किंग में 5-15 दिन लग रहे, इसे एक दिन के भीतर उपलब्ध कराया जाए।
-केंद्रों पर गलत एचयूआईडी देने और प्रमाण पत्र जारी होने के बाद ज्वैलर्स की जिम्मेदारी खत्म की जाए।