कीड़े को बना दिया था जीरा:जिला पंचायत अध्यक्ष ने 4 साल पहले संविदा अधिकारी को बर्खास्त करने के लिए लिखा था पत्र, अब भी कुर्सी बरकरार
जबलपुर, यशभारत। कीड़े को जीरा बना देने की कला दिखाने वाली संविदा अधिकारी की कुर्सी 4 साल बाद भी बरकरार है। जिला पंचायत अध्यक्ष रही मनोरमा पटेल के पत्र के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई। एक बार फिर ये जिन्न बाहर निकल आया है। दरअसल, बुधवार को जिला पंचायत की प्रशासकीय समिति की बैठक में नेताओं ने अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाया था कि उनके पत्रों का जवाब नहीं मिलता। इसी बैठक में ये मुद्दा भी उछला था।
जिला पंचायत अध्यक्ष रही मनोरमा पटेल का आरोप है कि 2018 में पनागर जनपद ग्राम पंचायत रिठौरी में स्व सहायता समूह द्वारा घटिया और गुणवत्ताहीन भोजन आंगनबाड़ी बच्चों को परोसा गया था। मध्यान्ह भोजन की दाल में कीड़े निकले थे। निरीक्षण में इस बात की पुष्टि भी हुई, लेकिन प्रकरण की जांच करने गई जिला पंचायत संविदा अधिकारी कल्पना पांडे ने अपनी जांच में कीड़ों को जीरा दर्शा दिया। महिला समूह पर कार्रवाई की बजाए उसे फिर से मध्यान्ह भोजन वितरित करने की जिम्मेदारी दे दी।
सामान्य प्रशासन की बैठक में बर्खास्तगी का प्रस्ताव हुआ था पास
सामान्य प्रशासन की बैठक में संविदा अधिकारी कल्पना पांडे की बर्खास्तगी का प्रस्ताव पास हुआ था। बीजेपी नेता मनोरमा पटेल के मुताबिक वर्ष 2019 में जिला पंचायत में सामान्य प्रशासन की बैठक में सभी सदस्यों की सहमति से स्व सहायता समूह को बचाने वाली संविदा अधिकारी कल्पना पांडे के खिलाफ बर्खास्तगी का प्रस्ताव पास हुआ था।
इसे कमिश्नर, कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ को भेजा गया था। आज तक संविदा अधिकारी पर कार्रवाई नहीं हुई। बीजेपी नेता एवं जिला पंचायत अध्यक्ष रहीं मनोरमा पटेल के मुताबिक 04 वर्ष से कमिश्नर-कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ को पत्र व्यवहार कर रही हूं, पर संविदा कर्मचारी पर कार्रवाई नहीं हो रही है।
बर्खास्तगी का अधिकार अध्यक्ष-सदस्यों के पास
अतिरिक्त जिला पंचायत सीईओ मनोज सिंह के मुताबिक जिला पंचायत अध्यक्ष और सदस्यों के पास किसी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई कराने के अधिकार नहीं है। कल्पना पांडे के मामले में विभागीय जांच पूरी हो चुकी है। इसमें संविदा अधिकारी को क्लीनचिट मिल चुकी है। तभी से अध्यक्ष रहीं मनोरमा पटेल ने इसे आत्मसम्मान से जोड़ लिया है।