जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

इंदौर में बनाया प्रदेश का पहला जी.आई.एस. अति उच्चदाब सबस्टेशन

इंदौर की पारेषण क्षमता को मिली मजबूतीः इंदौर का 17वां सबस्टेशन

जबलपुर। मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी ने नवाचार करते हुये महानगर इंदौर के पारेषण नेटवर्क को मजबूती और विश्वसनीयता प्रदान करने के लिए प्रदेश का पहला जी.आई.एस. (गैस इंसूलिटेड स्विच गियर सबस्टेशन) का निर्माण पूरा कर लिया है, गतदिवस करीब 36.50 करोड़ की अनुमानित लागत से इंदौर की घनी आबादी स्थित महालक्ष्मी नगर में 50 एम.व्ही.ए. क्षमता के साथ इस सबस्टेशन को ऊर्जीकृत किया गया। मध्यप्रदेश का यह पहला जी.आई.एस. अति उच्चदाब सबस्टेशन है, जो मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के पारेषण नेटवर्क में जुडा है। इस सबस्टेशन के प्रारंभ हो जाने से इंदौर के पूर्वी क्षेत्र में विद्युत पारेषण व्यवस्था को मजबूती मिलने के साथ इंदौर को अति उच्चदाब सबस्टेशन का एक और विकल्प उपलब्ध हो गया है।
घनी आबादी में बनाया प्रदेश का पहला जी.आई.एस. सबस्टेशन
मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के प्रबंध संचालक इंजी. सुनील तिवारी ने बताया कि इंदौर में विद्युत की बढ़ती मांग को देखते हुए मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी को इंदौर शहर में अतिरिक्त सबस्टेशन के निर्माण की जरूरत महसूस हुई। इंदौर जैसी घनी आबादी में परम्परागत सबस्टेशन के निर्माण के लिए पर्याप्त भूमि की उपलब्धता न रहने के कारण मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी ने इंदौर में जी.आई.एस. सबस्टेशन (गैस इंसूलिटेड स्विच गियर सबस्टेशन) तैयार करने का निर्णय लिया। चूंकि यह कंपनी का नवाचार था इसलिये प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री संजय दुबे ने स्वंय उपस्थित रहकर इस व्यवस्था को देखा, समझा और आवश्यक निर्देश दिये।

निर्माण में कम जगह लगने के साथ दूसरे फायदे भी
प्रबंध संचालक इंजी. सुनील तिवारी ने बताया कि जी.आई.एस. सबस्टेशन (गैस इंसूलिटेड स्विच गियर सबस्टेशन) के निर्माण में परम्परागत एयर इंसुलेटेड सबस्टेशनों के मुकाबले कम भूमि की जरूरत पड़ती है। इस तकनीक से सबस्टेशन के निर्माण का बजट परम्परागत सबस्टेशन की तुलना में लगभग ढाई गुना अधिक रहता है पर मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी ने मध्यप्रदेश के महत्वपूर्ण शहर इंदौर की जरूरत को देखते हुए इस निर्माण की मंजूरी दी। गैस इंसुलेटेड चेंबर में रहने के कारण इन सबस्टेशनों के उपकरणों में कम खराबी आती है जिन्हें बोलचाल की भाषा में ‘‘मेंटेनेंस फ्री’’ सबस्टेशन भी कहा जाता है।

33 के.व्ही. सबस्टेशन महालक्ष्मी नगर इंदौर को अब 13.5 कि.मी. लंबे फीडर के स्थान पर 20 मीटर से होगी विद्युत आपूर्ति
प्रबंध संचालक इंजी. सुनील तिवारी ने बताया कि इस 132 के.व्ही. जी.आई.एस. सबस्टेशन के निर्माण से सबसे अधिक फायदा म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के 33/11 के.व्ही. सबस्टेशन के महालक्ष्मी नगर को मिलेगा जिसे पूर्व में 220 के.व्ही. सबस्टेशन बिचौली मरदाना इंदौर ईस्ट से 13.5 कि.मी. लंबे 33 के.व्ही. संचार नगर- दो फीडर द्वारा तथा 132 के.व्ही. सत्यसांई सबस्टेशन से 12 कि.मी. लंबे 33 के.व्ही. तुलसी नगर फीडर के माध्यम से सप्लाई मिला करती थी जो अब जी आई एस सब स्टेशन से मात्र 20 मीटर के फीडर से प्राप्त होगी, जिससे 33 के.व्ही. लाइन में विद्युत व्यवधान होने से सुधार कार्य में होने वाली परेशानी और देरी से बचा जा सकेगा। इस नवनिर्मित सबस्टेशन से इंदौर की घनी आबादी में 33 के.व्ही. के कुल 08 फीडरों को विद्युत आपूर्ति की जा सकेगी।

Yash Bharat

Editor With मीडिया के क्षेत्र में करीब 5 साल का अनुभव प्राप्त है। Yash Bharat न्यूज पेपर से करियर की शुरुआत की, जहां 1 साल कंटेंट राइटिंग और पेज डिजाइनिंग पर काम किया। यहां बिजनेस, ऑटो, नेशनल और इंटरटेनमेंट की खबरों पर काम कर रहे हैं।

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