90 घंटे काम कराने की थी चाहत, पर लग गया झटका, लार्सन एंड टुब्रो से छिना ₹70,000 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट

नई दिल्ली. इंजीनियरिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (L&T) को बड़ा झटका लगा है. दरअसल, रक्षा मंत्रालय ने 6 पनडुब्बियों के निर्माण के लिए उसकी बोली को खारिज कर दिया है. इस फैसले से कंपनी को 70,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. सरकार ने 6 पनडुब्बियां खरीदने के लिए 70 हजार करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया था, जिसमें लार्सन एंड टूब्रो ने स्पेन की डिफेंस सेक्टर की प्रमुख कंपनी नवांतिया (Navantia) के साथ मिलकर बोली लगाई थी. हालांकि, रक्षा मंत्रालय का कहना है कि कंपनी ने शर्तों का पालन नहीं किया है.
एलएंडटी के बाहर होने के बाद जर्मन डिफेंस सेक्टर की प्रमुख कंपनी थिसेनक्रुप मरीन सिस्टम्स (TKMS) और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) अब पनडुब्बी प्रोजेक्ट के लिए एकमात्र दावेदार बची है. यह ज्वाइंट वेंचर इस डील को हासिल करने की बेहतर स्थिति में है.
हफ्ते में 90 घंटे काम और बीवी को घूरने वाली बात पर मचा था बवाल
बता दें कि हाल ही में लार्सन एंड टुब्रो के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन ने कहा था कर्मचारियों को हफ्ते में रविवार सहित 90 घंटे काम करना चाहिए. कर्मचारियों के नाम एक वीडियो मैसेज में सुब्रमण्यन ने यह सुझाव देकर विवाद खड़ा कर दिया कि कर्मचारियों को सप्ताह में 90 घंटे काम करना चाहिए. वीडियो में पूछा गया कि एलएंडटी अपने कर्मचारियों से शनिवार को काम क्यों करवाता है, सुब्रह्मण्यन ने कहा, “ईमानदारी से कहूं तो मुझे खेद है कि मैं आपसे रविवार को काम नहीं करवा पा रहा हूं. अगर मैं आपको रविवार को काम करवा पाऊं तो मुझे ज्यादा खुशी होगी, क्योंकि मैं रविवार को भी काम करता हूं.”
सुब्रह्मण्यन ने आगे कहा था, “घर पर छुट्टी लेने से कर्मचारियों को क्या फायदा होता है. आप घर पर बैठकर क्या करते हैं? आप अपनी पत्नी को कितनी देर तक निहार सकते हैं? पत्नियां अपने पतियों को कितनी देर तक निहार सकती हैं? ऑफिस जाओ और काम करना शुरू करो.”