
procurement center: जबलपुर, यशभारत। धान-गेहूं खरीदी में हुई गड़बड़ियों का मामला ठंडा भी नहीं हुआ कि मंूग-उड़द उपार्जन केंद्र बनाने में भी खाईबाजी सामने आ रही है। एक ऐसे वेयर हाउस को उर्पाजन केंद्र बना दिया गया है जो पहले ब्लेक लिस्टेड था। सबसे खास बात ये है कि कलेक्टर नजरों से छिपाकर ब्लेक लिस्टेड केंद्र को मध्यप्रदेश स्टेट वेयर हाउस कार्पोरेशन के अधिकारियों ने केंद्र बना दिया।
एमपीडब्ल्यूएलसी के जिला प्रबंधक को जानकारी नहीं
एमपीडब्ल्यूएलसी के जिला प्रबंधक एसआर निमोदा से इस संबंध में जानकारी चाही गई तो उनका कहना था कि वेयर हाउस को केंद्र बनाया गया है इस बारे में जानकारी नहीं है। जबकि सोशल मीडिया पर एक आदेश वायरल हो रहा है जिसमें जी वेयर हाउस को मंूग-उड़द उर्पाजन केंद्र बनाया गया है, आदेश में बकायदा कलेक्टर के आदेश है।
procurement center: मालूम हो कि सेवा सहकारी समिति कापा को भी खरीदी की जवाबदारी दी गई है जबकि इसी सहकारी समिति ने जगदीश वेयर हाउस में गेंहू की खरीदी की थी और यहां बड़ी मात्रा में अमानक गेंहू मिलने के अलावा गेंहू का स्टॉक कम मिला था जिसके बाद जगदीश वेयर हाउस के संचालक सहित खरीदी से जुड़े अधिकारी-कर्मचारियों पर मामला कायम किया गया था लेकिन इसके बाद भी न जाने किसके दबाव या किस फायदे के लिये इस समिति को मूंग खरीदी की जवाबदारी दे दी गई। इसके अलावा मूंग में मिलावट कर क्वालिटी वाले मूंग का भुगतान लेकर लाखों के वारे न्यारे करने तीन रूपये किलो की मिटटी खरीदी जा रही है जिसमें मूंग मिलाकर 85 रूपये किलो के हिसाब से खरीदी केन्द्रों में जमा की जायेगी। इसका सीधा सा मतलब है कि तीन रूपये किलो को मिटटी तकरीबन आधा किलो मूंग में मिलाकर उसका 85 रूपये के हिसाब से भुगतान लिया जायेगा। चर्चा कि जिस जगदीश वेयर हाउस में अमानक गेंहू मिलने पर मामला कायम किया गया था उसमें किराये से वेयर हाउस लेने वाले भाई को भी मूंग खरीदी की जवाबदारी दी गई है जिससे तय है मूंग खरीदी में भर्राशाही होना तय है।
दागियों को कैसे दी जवाबदारी
सवाल यह उठ रहा है कि ऐसे दागियों को आखिर खरीदी की जवाबदारी क्यों दी जा रही है। बताया जाता है दागी कापा समिति को खरीदी की जवाबदारी देने की शिकायते कलेक्टर तक पहुंचने के बाद आनन फानन में कापा समिति से खरीदी की जवाबदारी वापस लेते हुये सेवा सहकारी समिति खाण्ड को खरीदी की जवाबदारी दे दी गई। इस निर्णय को लेकर तरह तरह की चर्चायें हो रही है।