लंबित राजस्व प्रकरणों के निपटारे में आई तेजी नामांतरण और बटवारा के 96% टारगेट पूरे, भू- अभिलेख 85% हुए दुरुस्त
जबलपुर यश भारत। लंबे समय से अटके हुए भू राजस्व के मामलों को लेकर जिला प्रशासन ने कलेक्टर दीपक सक्सेना की नेतृत्व में जो अभियान शुरू किया है उसमें सफलता मिलती दिख रही है। जिसका सबसे ज्यादा फायदा आम लोगों को हो रहा है । जो लंबे समय से तहसीलों के चक्कर काट रहे थे और उनके नामांतरण बटवारा और भू अभिलेख जैसे मामले निपटा नहीं रहे थे। इसको लेकर जो अभियान शुरू किया गया था उसमें जो अब आंकड़े सामने आ रहे हैं। उस से लग रहा है कि अभियान से एक ओर जहां प्रशासन के ऊपर काम का दबाव कम हो रहा है वहीं आम जनता को भी राहत मिल रही है। छोटे-छोटे कामों के लिए जो तारीख पर तारीख मिल रही थी वह तारीख खत्म हो गई है।
टारगेट हो रहे पूरे-यश भारत को मिली जानकारी के अनुसार नामांतरण के लंबे 349 मामलों का टारगेट रखा गया था। जिस में से 325 मामलों का निपटारा शनिवार तक हो चुका है। जो टारगेट का लगभग 96% है । जिसमें सबसे ज्यादा शहपुरा में 79 में से 78 मामलों का निपटारा हुआ वहीं दूसरे नंबर पर पनागर रहा जहां 57 में से 56 मामलों का निपटारा हुआ। वहीं कुंडम, गोरखपुर और रांझी में सबसे कम मामले थे ऐसे में यहां सत प्रतिशत निपटारा हो गया। वही भू अभिलेख दुरुस्त करने को लेकर भी अभियान में सफलता मिल रही है । खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे ज्यादा मामले लंबे थे। उसमें अभियान लगभग 85% टारगेट पूरा करने में सफल रहा है। भू अभिलेख को लेकर सबसे ज्यादा टारगेट रांझी को दिया गया था जहां 186 में से 176 मामलों का निपटारा हुआ है। वही मझौली और सिहोरा में अपेक्षाकृत सफलता कम रही। मझोली में 59 मामलों का टारगेट था जिस में से 35 मामले ही निपट पाए हैं। वहीं सिहोरा में 40 प्रकरणों का टारगेट था जिसमें से 22 प्रकरण निपट गए हैं।
नामांतरण में अधारताल सबसे आगे-अभियान के तहत शहरी क्षेत्र में सबसे ज्यादा नामांतरण के प्रकरण लटके हुए हैं और इसको लेकर टारगेट भी सबसे ज्यादा सेट किया गया था। यदि पूरे जिले की बात करें तो 4898 नामांतरण प्रकरणों का लक्ष्य रखा गया । जिसमें से 4711 प्रकरणों का निपटारा कर लिया गया जो कुल टारगेट का 96% से भी अधिक है। इसमें भी सबसे ज्यादा टारगेट अधारताल को दिया गया था जिसमें 1354 नामांतरण प्रकरणों का निपटारा होना था और यहां भी 1338 नामांतरण चरणों का निपटारा शनिवार तक हो गया था जो लक्ष्य का लगभग 99% है। वर्तमान समय में सबसे ज्यादा कॉलोनी का निर्माण अधारताल क्षेत्र अंतर्गत हो रहा है ऐसे में नामांतरण को लेकर यहां सबसे ज्यादा मामले थे जिसे अधारताल एसडीएम ने गंभीरता से लेते हुए लगभग टारगेट पूरा किया है।
इस पूरे अभियान को लेकर कलेक्टर सर द्वारा पूरा मार्गदर्शन दिया गया और सुबह से ही पूरे काम की समीक्षा उनके द्वारा की जाती थी। जिसके चलते हमें यह सफलता हासिल हुई है । हमारा प्रयास है कि हमारे तहसीलदारों और नया तहसीलदारों के साथ मिलकर हम इसी तेजी के साथ काम करते रहेंगे। शिवाली सिंह ,एसडीएम अधारताल
18 तारीख़ से अभियान प्रारंभ हुआ है. नामान्तरण, बँटवारा और अभिलेख दुरुस्ती में 95% से अधिक प्रकरण का निराकरण हो चुका है. 31 अगस्त तक सभी मदों में शत प्रतिशत उपस्थिति हासिल करने का लक्ष्य है. राजस्व की टीम मेहनत कर रही है. eKYC और ख़सरा लिंकिंग में नागरिकों से सहयोग की अपेक्षा है. दीपक सक्सेना ,कलेक्टर, जबलपुर