सूदखोरी को वैद्य व्यापार बनाएगी सागर नगर निगम? : नगर निगम की साधारण सभा का सम्मेलन सत्ता पक्ष की आपसी तनातनी की भेंट चढ़ा: कांग्रेस पार्षदों ने किया सम्मेलन का बहिष्कार
गरीब जनता को सूदखोरों के कर्ज में धकेलना चाहती है भाजपा - नेता प्रतिपक्ष बब्बू यादव

सागर यश भारत (संभागीय ब्यूरो)/ नगर निगम की साधारण सभा का सम्मेलन आज साहूकारी लाइसेंस मामले में सत्ता पक्ष की आपसी तनातनी की भेंट चढ़ गया। इस बात से नाराज विपक्षी दल कांग्रेस के पार्षदों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया और सदन से उठकर बाहर निकल गए। इस पूरे घटनाक्रम के चश्मदीद बने स्थानीय विधायक शैलेंद्र जैन और सांसद लता वानखेड़े भी हतप्रभ रह गए।
सागर नगर निगम ने आज साधारण सभा का सम्मेलन आयोजित किया था। साधारण सभा की बैठक की शुरुआत में ही निगमाध्यक्ष व एमआईसी सदस्य तथा बीजेपी पार्षदों के बीच जमकर बहस शुरू हो गई जो बाद में आपसी आप प्रत्यारोपों के साथ हंगामा में बदल गई। बहस और हंगामे के दौरान सांसद लता वानखेड़े सदन को छोड़कर चली गई।
नगर निगम के साधारण सम्मेलन में साहूकार लाइसेंस के मुद्दे को लेकर चल रही चर्चा चल रही थी। इसी बीच निगम अध्यक्ष वृंदावन अहिरवार ने एमआईसी सदस्य रेखा नरेश यादव को बैठने को बोलते हुए कहा कि आप दो साल बाद बोल रही हैं। जिस पर महिला पार्षद भड़क गईं तथा पार्षद और निगम अध्यक्ष के बीच जमकर नोकझोंक और गहमागहमी शुरू हो गई। पार्षद रेखा यादव ने सदन में गुंडाराज चलाने और महिलाओ का अपमान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सदन में महिला पार्षदों को बोलने से रोका जा रहा है। इस सब के चलते स्थिति यहां तक पहुंच गई कि अध्यक्ष द्वारा पार्षद को निगम सम्मेलन से बाहर जाने की चेतावनी देना पड़ी। कुल मिलाकर पूरा सम्मेलन बीजेपी की आपसी गुटबाजी से भरा नजर आया और जनहित कि किसी मुद्दे पर चर्चा और निर्णय के बिना ही हंगामा की बलि चढ़ गया।
कांग्रेस पार्षदों ने किया सम्मेलन का बहिष्कार
सत्ता पक्ष भाजपा के पार्षदों और निगम अध्यक्ष के बीच लगातार चलती तनातनी और हंगामा को देखकर नेता प्रतिपक्ष बाबूसिंह यादव और कांग्रेस पार्षदों ने भी हंगामा शुरू कर दिया। अध्यक्ष द्वारा हंगामा शांत कर चर्चा शुरू करने की बात पर कांग्रेस पार्षदों ने कहा कि बीजेपी के पार्षद आपस में ही झगड़ रहे है।पहले आप लोग आपस के अपने मुद्दे तो सुलझा लो। हम फिर बात करेंगे। जिसके तुरंत बाद ही कांग्रेस पार्षदों ने सम्मेलन के बहिष्कार की घोषणा कर सभाकक्ष से बाहर चले गए। इस दौरान कांग्रेस पार्षदों को रोकने की कोशिश भी की गई लेकिन वे नहीं माने।
गरीब जनता को सूदखोरों के कर्ज में धकेलना चाहती है भाजपा – नेता प्रतिपक्ष बब्बू यादव
नेता प्रतिपक्ष बाबू सिंह यादव ने नगर निगम की आज की कार्यवाही को असंसदीय ठहराते हुए हुए कहा कि निगम परिषद को आम जनता की समस्याओं और शहर के विकास से कोई लेना-देना नहीं है। वह तो अपनी पार्टी के सूदखोरों को गरीबों का खून चूसने का लाइसेंस देने की चिंता में डूबी हुई है। उपनेता प्रतिपक्ष ताहिर खान कहा कि एक तरफ कांग्रेस पार्टी है जिसने बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर सूदखोरों से पूरे देश की जनता को मुक्ति दिलाई थी वहीं दूसरी तरफ भाजपा एक बार फिर गरीब और मजबूर जनता को सूदखोरों की जाल में धकेलना चाहती है, जो कांग्रेस को कतई मंजूर नहीं है। कांग्रेस पार्षद दल में शामिल नीलोफर चमन अंसारी, सुलेखा राकेश राय, शिवशंकर गुड्डू यादव, अशोक साहू चकिया, रोशनी वसीम खान, रिचा सिंह, शशि महेश जाटव ने कहा है कि भाजपा शासित नगर निगम परिषद द्वारा अपनी साधारण सभा में जनहित और शहर विकास के मुद्दों पर चर्चा नहीं किया जाना शहर की जनता के साथ खुला धोखा है जिसके लिए कांग्रेस पार्षद दल सदन की बात को सड़क पर लाकर आम जनता के सामने भाजपा की कलई को खोलेगा।
साहूकारी लाइसेंस की फीस को लेकर खड़ा हुआ विवाद
नगर निगम परिषद के सम्मेलन में बीजेपी पार्षद दल के सचेतक शैलेंद्र ठाकुर ने साहूकारी लाइसेंस के शुल्क को लेकर पिछली परिषद के निर्णय 25 लाख रुपए फीस और 2 हजार रु0 सालाना शुल्क में बदलाव का मुद्दा उठाया। जिसे लेकर पार्षद और निगमाध्यक्ष के बीच नोकझोंक शुरू हो गई। इसी बीच निगम अध्यक्ष द्वारा कार्रवाई के दौरान महिलाओं को मातृशक्ति के संबोधन से फिर बहस शुरू हुई। दोनों तरफ से नोकझोंक की स्थिति बनी। इस दौरान सत्ता पक्ष के कई पार्षदों ने भी शांत रहने का आग्रह किया। आखरी में विधायक शैलेंद्र जैन ने हस्तक्षेप करते हुए शांति से पूरा मामला निपटाने और सदन की गरिमा बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि निगम परिषद के संचालन और विकास कार्यों को गति देने के लिए पार्षदों के प्रशिक्षण की जरूरत है।
साहुकार लाइसेंस पर तय हुआ शुल्क
नगर निगम की साधारण सभा की बैठक के शुरुआत में सांसद लता वानखेड़े और विधायक शैलेंद्र जैन का स्वागत किया गया। इसके बाद हंगामे को देखते हुए विधायक शैलेंद्र जैन ने सम्मेलन के संचालन और आसंदी की परम्पराओ को लेकर पार्षदों के प्रशिक्षण का सुझाव दिया। विकास के मुद्दों के बीच साहूकार लाइसेंस की प्रक्रिया एफडी और राशि को लेकर करीब आधे घंटे तक पार्षद और निगम के अधिकारियों के बीच चर्चा चली। जिसके बाद तय किया गया कि साहूकार लाइसेंस के लिए 5 लाख रुपए की एफडी और 5 हजार रुपए राशि जमा करना होगी।