जबलपुरमध्य प्रदेश

शायर गुलाम करेलवी की स्मृति में याद ए गुलाम…….

करेली। विगत दिवस जिले की महत्त्वपूर्ण साहित्यिक संस्था साखी साहित्य परिषद के तत्त्वावधान में मरहूम शायर गुलाम करेलवी की स्मृति में याद ए गुलाम कार्यक्रम स्थानीय पं विद्या प्रसाद शर्मा वृद्ध सामुदायिक सदन में राज्य सभा सांसद कैलाश सोनी के मुख्य आतिथ्य, सत्यप्रकाश साहनी की अध्यक्षता, पं ताराचंद पाराशर व रमेश कोचर के विशिष्ट आतिथ्य में संपन्न हुआ।
चित्रों पर माल्यार्पण,दीप प्रज्ज्वलन , सरस्वती वंदना, अतिथि स्वागत, के बाद मुख्य अतिथि कैलाश सोनी ने गुलाम करेलवी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें नगर का महत्त्वपूर्ण व्यक्तित्व निरूपित किया। तत्पश्चात कवि सम्मेलन की शुरुआत में सबसे पहले दमोह से पधारे शायर अदीब दमोही ने कलाम पेश करते हुए सुनाया कि ‘चले जाते हैं दुनिया से निशानी छूट जाती है, यहां हर एक इंसा की कहानी छूट जाती है। बुंदेली कवि पं रमेश तिवारी दमोह ने बुंदेली में कविता पढ़ते हुए यह कहा कि ‘बरियाबत के चढ़े घाट तुम, कर रये सबकी खड़ी खाट तुम।’ अगले क्रम में ताहिर दमोही ने शे’र कुछ इस तरह बयां किया कि ‘ आजकल मौत फूल जैसी है, जिंदगानी बबूल जैसी है।’ दमोह के ही शायर केशू तिवारी ने ग़ज़ल सुनाते हुए कहा कि ‘दिन रात सोने ही सोने के दिन है, अनव्याही आफ़त के गौने के दिन है।’ सोहागपुर के बुंदेली कवि पं राजेन्द्र सहारिया ने सुनाया कि ‘ सबके करीब हों अमीर कै गरीब एक हाथ है सलाम दोइ हाथ राम राम है,पाकै सम्मान नेक जरा नै गुमान अरे जई से तो जमानों गुलाम को गुलाम है।’ इसी तरह प्रोफेसर माधव श्रीवास्तव, खलील करेलवी, रामनारायण कौरव, शंकरपाल सिंह चौहान, कार्यक्रम संचालक नारायण श्रीवास्तव एवं अवधेश कौरव ने भी सम सामयिक कविताएं पढ़ी। इस उल्लेखनीय आयोजन में हाजी शब्बीर उस्मानी, अबरार खान राजू नरसिंहपुर, संगीता शर्मा, ख़ालिक़ कुरैशी, रामकिशन रघुवंशी, कमलेश लुलावत, सुरेश नेमा, शैलेश पटेल, प्रवीण श्रीवास्तव, वसंत तिगनाथ, ठाकुर धर्मेंद्र सिंह, मुन्ना यादव, राजेन्द्र श्रीवास्तव, नेतराम पटेल, पहाड़ी लाल माना, विजय ठाकुर, हबीब खान, अहमद कुरैशी, प्रमोद बड़कुर, मनोज सिंघ ई , आशीष दुबे, अरविंद वर्मा, महेश ठाकुर, जितेन्द्र स्वामी, देवेन्द्र गुप्ता, रघुनंदन स्थापक, चंद्रभान चौबे, शंकर लाल अग्रवाल, सौरभ जैन,मनीष राय, अशोक वर्धमान, संतोष तिहैया, नीरज लूनावत,उदय ठाकुर, हरिओम ममार, आबिद खान, रफीक मोहम्मद, मोहसिन, डॉ यू सी विश्वकर्मा, उमाशंकर गुल्ले, विनोद अग्रवाल, अबुल हसन, दिनेश अग्रवाल, बैनी प्रसाद, बी पी मालवीय,सिया राम पटेल, देवेन्द्र सोनी, सुधीर तिवारी, लेख चंद्र कोचर, सीताराम वर्मा, आशीष गुप्ता, भूपेंद्र कोल, नारायण रैकवार, गोठल विश्वकर्मा, सौरभ सोनी, समीर पठान, अनस खान, आसिफ कुरैशी, सलीम पटेल, पुरुषोत्तम बाथरे, गुरुशरण तिवारी आदि की आत्मीय उपस्थिति उल्लेखनीय रही। कार्यक्रम की सफलता में वरिष्ठ नागरिक मंच योगदान सराहनीय रहा।

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