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जबलपुर, यशभारत। श्रावण शुक्ल पूर्णिमा की तिथि पर मनाए जाने वाले रक्षाबंधन का त्यौहार इस बार दिन में न होकर रात में मनाया जाएगा। जिसको लेकर यश भारत में प्रसारित होने वाले जीवन ज्योतिष कार्यक्रम में आशीष शुक्ला द्वारा ज्योतिषाचार्य पंडित लोकेश व्यास से चर्चा की गई। जहाँ इसके कारणों को जाना, साथ ही राखी बांधने के सही समय को भी पूछा। जिसके विषय में पंडित लोकेश व्यास द्वारा सारगर्भित उत्तर दिए गए । जिसे आप यश भारत न्यूज़ चैनल व यश भारत के सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विस्तार से देख सकते हैं।
रात 9.00 बजे से बांधे राखी
कार्यक्रम की शुरुआत में संचालक आशीष शुक्ला द्वारा पूछा गया कि इस बार रक्षाबंधन के मौके पर बहनें किस मुहूर्त में अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधे । जिस के उत्तर में पंडित लोकेश व्यास ने बताया कि इस बार राखी बांधने का समय दिन में न होकर रात में है। जो रात्रि 8.59 से प्रारंभ होगा और देर रात तक रक्षाबंधन का मुहूर्त रहेगा। इसके कारण के विषय में पंडित लोकेश व्यास ने बताया कि रक्षाबंधन श्रावण शुक्ल पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है जो 30 अगस्त को सुबह 10.13 से लेकर अगले दिन 7.46 तक रहेगा । लेकिन उसी दिन सुबह 10.13 से भद्रा प्रारंभ हो रही है और भद्रा के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं होता है । रात्रि में 8.59 बजे भद्रा का समापन होगा उसके बाद रक्षाबंधन का त्यौहार मनाना चाहिए। और अगले दिन प्रतिपदा होने के कारण प्रात: भी राखी बाँधना निषेध रहेगा यहि शास्त्र सम्मत है।
क्या है भद्रा
पंडित लोकेश व्यास ने बताया कि जब चंद्रमा पर कुंभ मीन कर्क और सिंह राशि का प्रभाव पड़ता है तो उसका असर धरती पर पड़ता है । शास्त्रों के अनुसार इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं होना चाहिए। 30 अगस्त को श्रावण शुक्ल पूर्णिमा के दिन सुबह 10.36 मिनट से चंद्रमा कुंभ राशि पर आ रहा है जिसके चलते भद्रा रहेगी और इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।
रावण का हुआ था कुल नाश
चर्चा के दौरान जानकारी दी गई कि रावण की बहन शूर्पणनखा द्वारा उसे रक्षाबंधन के दिन भद्रा के दौरान राखी बांधी गई थी। जिसके चलते रावण का कुल नाश गया था। ऐसे में ज्योतिष व सनातन परंपराओं पर विश्वास रखने वाले लोगों को 30 अगस्त के दिन रात्रि 8.59 के बाद ही अपने भाइयों को राखी बांधनी चाहिए जो ज्योतिष व शास्त्र सम्मत रहेगा।