
मुलताई । बैंक आफ महाराष्ट्र की जौलखेड़ा शाखा में वर्ष 2013 में हुए लगभग सवा करोड़ रुपये के गबन के मामले में तत्कालीन प्रबंधक वीके ओझा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। ओझा क्रिकेट खिलाड़ी नमन ओझा के पिता हैं। उन पर धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120 बी, 34 और आईटी एक्ट की धारा 65,66 के तहत मामला दर्ज था। गबन के मामले के अन्य आरोपितों को पुलिस ने पूर्व में ही गिरफ्तार कर लिया था। ओझा लंबे समय से फरार चल रहे थे।
एसडीओपी मुलताई नम्रता सोंधिया ने बताया कि गबन के मामले में फरार चल रहे आरोपित विनय ओझा को गिरफ्तार कर लिया गया है। वर्ष 2013 में बैंक आफ महाराष्ट्र शाखा जौलखेड़ा में पदस्थ बैंक मैनेजर अभिषेक रत्नम ने गबन की साजिश रची थी।
उनका तबादला होने के बाद ओझा एवं अन्य ने मिलकर रविवार दो जून 2013 को लगभग 34 फर्जी खाते खुलवा कर इन पर केसीसी का लोन ट्रांसफर कर लगभग सवा करोड़ रुपये का आहरण कर लिया गया। जिस समय यह गबन हुआ तब बैक आफ महाराष्ट्र शाखा में विनय ओझा शाखा प्रबंधक के पद पर पदस्थ थे।
पूर्व प्रबंधक अभिषेक रत्नम, विनोद पंवार, लेखापाल निलेश छलोत्रे, दीनानाथ राठौर सहित ओझा द्वारा गबन की राशी बांट ली गई थी। करीब एक साल बाद तत्कालीन शाखा प्रबंधक रितेश चतुर्वेदी ने 19 जून 2014 को गबन की शिकायत थाने में की थी।
शिकायत में बताया कि फर्जी नाम और फोटो के आधार पर किसान क्रेडिट कार्ड बनाकर बैंक से राशि आहरित की गई है। तरोड़ा बुजुर्ग निवासी दर्शन पिता शिवलू की मौत होने के बाद भी उसके नाम से खाता खोलकर रुपये आहरित कर लिए गए थे। अन्य किसानों के नाम से भी किसान क्रेडिट कार्ड बनाकर लगभग सवा करोड़ रुपये की राशि आहरित की गई थी।