जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

JABALPUR NEWS- मप्र आयुर्विज्ञान यूनिवर्सिटी में पुराने अधिकारियों को दोबारा लाने की कोशिश तेज: तत्कालीन अपर मुख्य सचिव के आदेश को  दरकिनार कर उपकुलसचिव ने शासन को भेजा पत्र

जबलपुर, यशभारत। मेडिकल विश्वविद्यालय मे पुराने अधिकारियों के आने का सिलसिला एक बार फिर शुरु हो गया। विश्वविद्यालय में एक उपकुलसचिव की वापिसी के बाद विश्वविद्यालय से हटाए गए पुराने अधिकारियों ने वापिस आने की जोड़ तोड़ शुरु कर दी। इसी सिलसिले में विश्वविद्यालय प्रबंधन ने अधिकारियों की समस्या से निपटने के लिए स्थाई व्यवस्था के पूर्व की भर्ती टेम्प्रेरी व्यवस्था के तहत अपने पुराने साथियों को वापिस लाने की जोड़ तोड़ शुरु कर दी है। इसी के तहत शासकीय कार्य पर शहर से बाहर गए रजिस्टार के बाद मौका पाते ही अपना गोटी फिट करना शुरु कर दिया। इसी तारतम्य में बिना रजिस्टार के मीटिंग करा कर सिर्फ वो ही मामले रखे जो उनके अनुरूप थे और चिकित्सा और आयुष से प्रतिनयुक्ति पर शिक्षकों चिकित्सकों की मांग कर आयुक्त को पत्र प्रेषित कर दिए।

क्या है अपर मुख्य सचिव का पत्र
पूर्व अपर मुख्य सचिव आयुष द्वारा तत्कालीन कुलपति साहित समस्त आयुष महाविद्यालय के प्राचार्य को लिखे पत्र में स्पष्ट तौर पर निर्देश दिए थे की प्रदेश के आयुष महाविधलय में शिक्षको की कमी को देखते हुऐ सी सी आई एम एवं सी सी एच की मान्यता को खतरा है इसलिए किसी भी शिक्षक को अन्यत्र जगह न भेजा जाए ना ही विश्वविद्यालय द्वारा ऐसे पत्रों को प्रेषित किया जाए।

वर्तमान में सी सी आई एम में मान्यता के लिए शिक्षको की पूर्ति कर रहे मेडिकल ऑफिसर
वर्तमान में प्रदेश के आयुष महाविधलय में शिक्षको की कमी लगातार बढ़ती जा रही है हालत यह हे की एक भी शिक्षक को महाविधालय से प्रस्थक किया जाता तो मान्यता पर खतरा आ सकता है ब अभी वर्तमान में शिक्षको की कमी को देखते हुऐ शासकीय डिस्पेंसरी मे पदस्थ मैडिकल ऑफिसरों को महाविद्यालय की मान्यता बचाने के लिए शिक्षको के विरुद्ध कार्य पर पदस्थ किया जिससे आधे से ज्यादा डिस्पेंसरी खाली पड़ी हुई है

छात्र संगठनों की माग पीएससी ओर विश्वविधालय सेवा के लोगो को किया जाए पदस्थ
नर्सिंग छात्र संगठन के अध्यक्ष गोपाल परासर द्वारा बताया गया की हमारे हर ज्ञापन मे यह माग रही की विश्वविधालय मे अयोग्य लोगो को शासन लगातार पदस्थ कर रहा हे जो विश्वविधालय मे आते हे भ्रष्टाचार करते ओर निकल जाते हे जिसका दुष्परिणाम छात्रों के भविष्य पर पड़ता है हम शासन से माग कर रहे की विश्वविधालय में पी एस सी के माध्यम से भर्ती की जाए व विश्वविधालय सेवा के लोगो को ही प्रतिनयुक्ति पर भेजा जाए

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button