जबलपुरभोपालमध्य प्रदेशराज्य

EOW की बड़ी कार्रवाई: भोपाल विकास प्राधिकरण के अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल योजना में भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों पर FIR दर्ज

 

 

अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल योजना मे नियम विरूद्ध भूखंड आवंटन किया गया।

 

नियम विरूद्ध भूखंड आवटंन के उपरांत भूखंड के भूमि उपयोग में परिवर्तन कर व्यावसायिक बना दिया गया।

 

मेसर्स हाई स्पीड मोटर्स के पार्टनर्स हेमंत कटारे, योगेश कटारे एवं अन्य को बिना निविदा के अनुचित तरीके से लाभ पहुंचाया गया।

 

सी.आर. दत्ता निवासी हषवर्धन नगर भोपाल, द्वारा भूमि आवंटन से संबंधित शिकायत पर की गई कार्यवाही।

 

जबलपुर यश भारत। EOW को सामान्य प्रशासन विभाग के माध्यम से कुशाभाउ ठाकरे अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल योजना में भूखंड आवंटन मे भोपाल विकास प्राधिकरण के अधिकारियो द्वारा मिलीभगत कर मेसर्स हाई स्पीड मोटर्स को भूमि आवंटन के संबंध में अवैध लाभ पहुंचाने के संबंध में शिकायत जो कि श्री सी.आर दत्ता, हर्षवर्धन नगर भोपाल द्वारा की गई थी, प्राप्त हुई थी। प्राप्त शिकायत के आधार पर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल में प्राथमिक जाचं क्रमांक 05/15 पंजीबद्ध की गई थी।

 

संपूर्ण जांच पर पाया गया कि भोपाल विकास प्राधिकरण द्वारा मेसर्स हाई स्पीड मोटर्स जिसके पार्टनर योगेश कटारे, हेमंत कटारे एवं अन्य थे, को नियम विरूद्ध तरीके से प्लॉट का आवंटन किया गया तथा नियम विरूद्ध तरीके से उक्त प्लॉट के भूमि उपयोग में भी परिवर्तन कर इसे व्यावसायिक बनाया गया एवं यहां तक कि आवंटित प्लॉट की कीमत का निर्धारण भी मेसर्स हाई स्पीड मोटर्स को बिना निविदा के अनुचित लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया।

 

जांच के उपरांत यह तथ्य प्रथम दृष्टया प्रमाणित पाये जाने पर कि मेसर्स हाई स्पीड मोटर्स के पार्टनर्स हेमंत कटारे, योगेश कटारे, मीरा कटारे, रूचि कटारे, के द्वारा भोपाल विकास प्राधिकरण के अधिकारियों तत्कालीन सीईओ के.पी. राही. ओएसडी मनोज वर्मा एवं अन्य आरोपियों के साथ आपराधिक षड्यंत्र के अग्रेषण में भोपाल विकास प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुए मेसर्स हाई स्पीड मोटर्स को भूमि का आवंटन, आवंटित भूमि के भूमि उपयोग में प्रकार का परिवर्तन तथा भूमि की राशि का निर्धारण छल कारित करते हुए अवैध रूप से लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया। अतएव भोपाल विकास प्राधिकरण के अधिकारियों एवं हाई स्पीड मोटर्स के साझेदारों के विरूद्ध धारा 120 बी, 420, 468, 471 भा.द.वि. एवं 13(2) सहपठित धारा 13 (1) (डी) का अपराध पंजीबद्ध किया गया है।

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