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नई परंपरा की शुरुआत, मृत्यु भोज में वाटे 1101 पौधे,पर्यावरण संरक्षण का अनूठा प्रयास

नरसिंहपुर I  मृत्यु उपरांत मृत्यु भोज की परंपरा पुरानी है और 13 दिन बाद तेहवी का कार्यक्रम किया जाता है और पूजा पाठ के साथ भोजन प्रसादी खिलाई जाती है लेकिन नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव में नगर के प्रतिष्ठित खरया परिवार ने मृत्यु भोज के दौरान उपस्थित जनों को पौधे बाटकर पौधों को लगाने का आग्रह किया I

पर्यावरण संरक्षण की मिसाल पेश की है आपको बता दें कि बीते दिनों खरया परिवार की उमा देवी का इलाज के दौरान निधन हो गया उनके पुत्र संजू खरया विक्की और परिवार जनों ने माताजी के मृत्यु भोज में कुछ नया करने का मन बनाया और तेरहवीं कार्यकम में 1101 पौधों का वितरण किया गया और सभी से पौधो को लगाने और संरक्षण करने का आग्रह पर करते हुए पर्यावरण संरक्षण की मिसाल पेश की है, उपस्थित सभी जनों द्वारा अनोखी परंपरा की प्रशंसा करते हुए वारिस के मौसम में पेड़ लगाने का संकल्प लिया गया, इतना ही नहीं परिवार जनों द्वारा नगर के विभिन्न स्थानों पर पौधारोपण भी किए गएI

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