जबलपुर- भोपाल सहित 17 जिले का शिक्षा विभाग लापरवाह: यू डाइस की जानकारी भेजने में सागर सहित 18 जिलों की गुड परफार्मेंस
सत्र 2020-21 की जानकारी अभी तक मुख्यालय नहीं भेजी, योजनाओं के लाभ से वंचित होंगे विद्यार्थी
नीरज उपाध्याय
जबलपुर, यशभारत। शिक्षा विभाग की यू-डाइस जानकारी को व्यवस्थित तरीके से तैयार करने और फिर उसे मुख्यालय तक भेजने में सागर सहित 18 जिलों के शिक्षा विभाग अधिकारियों ने उम्दा काम किया है। जबकि प्रदेश के बड़े जिलों में शुमार जबलपुर, भोपाल, ग्वाालियर और इंदौर जिले के शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का सिर शर्म से नीचे झुक गया है। जबलपुर-भोपाल, ग्वालियर और अन्य जिलों ने तय समय निकल जाने के बाद भी सत्र 2020-21 की यू-डाइस की जानकारी नहीं भेजी है। इस वजह से राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक यह जानकारी नहीं पहुंच पाई कि सरकारी और निजी स्कूलों में कितने विद्यार्थी दर्ज है और साथ ही कितने शिक्षक अपनी सेवाएं स्कूलों दे रहे हैं। मालूम हो कि हर साल कक्षा एक से लेकर 12वीं तक की जानकारी यू डाइस परिपत्र में भरकर भेजना होता है।
छोटे जिलों ने कमाल कर दिया
शिक्षा विभाग में सबसे बेहतर काम छोटे जिले के अधिकारी कर रहे हैं। मंडला,निवाड़ी, टीकमगढ़, पन्ना, सागर, दमोह, छतरपुर, गुना, नीमच, भिंड, छिंदवाड़ा, खरगौन, सीहोर, देवास, मुरैना, सतना और बैतूल जिले में यू-डाइटस को लेकर बेहतर काम किया गया है। इन जिलों के अधिकारियों ने 31 मई के पहले ही यू-डाइस की जानकारी मुख्यालय तक पहुंचा दी है।
तीन प्रारूपों में रखा गया जिलों को
यू डाइस कोड की जानकारी भेजने और नहीं भेजने वाले जिलों को स्कूल शिक्षा विभाग ने तीन प्रारूपों में रखा है। पहले प्रारूप ग्रीन जिसमें 18 जिले शामिल है। मतलब इन जिलों में यू डाइस की जानकारी बनाने और भेजने में उम्दा कार्य किया है। जबकि 17 जिलों को येलो मिला है मतलब इन जिलों ने यू डाइस के तहत कुछ हद तक बेहतर काम किया है। 17 जिलों को रेड जोन में रखा गया है क्योंकि इन जिलों के अधिकारियों ने लापरवाही की सारी हदें पार कर दी। इन जिलों से विभाग को जानकारी ही नहीं मिली है।
यू डाइस की जानकारी भेजने को क्यों जरूरी है समझे
दरअसल हर साल सरकारी स्कूलों से यू डाइस के माध्यम से वह तमाम जानकारी राज्य और केंद्र सरकार मांगती है जिसके माध्यम से वह बच्चों के बेहतरी के लिए योजनाओं का सफल संचालन कर सकें। यू डाइस में शिक्षक-विद्यार्थियों की जानकारी के साथ स्कूल की शैक्षणिक गतिविधियों का डाटा उपलब्ध कराना होता है। जानकारी मिलने के बाद ही सरकारें तय करती है कि शिक्षा की बेहतरी के लिए कौन सी योजनाएं संचालित की जाए।
एक नजर यू डाइस की जानकारी में
-मप्र में कुल स्कूल-1 लाख 34 हजार 153
– 53 हजार 547 स्कूलों ने यू डाइस की एंट्री ही नहीं की है।
– 7 हजार 369 स्कूलों की एंट्री प्रचलन में है।
-73 हजार 237 स्कूलों ने यू डाइस की एंट्री पूरी की है।
– यू डाइस की जानकारी भेजने का प्रतिशत पूरा प्रदेश का 54.6 प्रतिशत है।
यू डाइस कोड की जानकारी भेजने के लिए पूरे लॉकडाऊन में सागर संभाग के अधिकारियों ने काम किया इसी का नतीजा है कि संभाग यू डाइस कोड के मामले में नंबर वन है। आगे भी इसी तरह से शिक्षा विभाग में अव्वल बने रहे प्रयास करेंगे।
मनीष वर्मा, संयुक्त संचालक सागर संभाग