कटनीमध्य प्रदेश

3 महीने, 100 से ज्यादा वारदातें, यात्रियों में दहशत, रेल आउटर पर बढ़ा चोरों का आतंक

कटनी, यशभारत। मानिकपुर-सतना से कटनी-शहडोल रेलखंड पर चोरों का आतंक एक बार फिर बढ़ता जा रहा है। हर दिन यात्री चोरी का शिकार हो रहे हैं, जिनमें महिला यात्री सबसे अधिक प्रभावित हैं। बीते तीन माह में 100 से ज्यादा चोरी की वारदाते हो चुकी है, जबकि बीते पंद्रह दिनों में ही 30 से अधिक मामले सामने आए हैं। चोरों ने जनरल से लेकर फस्र्ट एसी तक किसी कोच को नहीं छोड़ा। जीआरपी और आरपीएफ की निगरानी के दावे तब सवालों के घेरे में आ जाते हैं, जब प्लेटफॉर्म और वेटिंग हॉल तक से यात्रियों के कीमती सामान चोरी हो जाते हैं। कटनी स्टेशन से प्रतिदिन 125 ट्रेनें गुजरती हैं। लगभग सवा लाख यात्री सफ र करते हैं। स्टेशन पर भी 50 फीसदी चोरियां आउटर में होती है। इस मामले में जीआरपी  पुलिस कहती है मोबाइल चोरी के कारण आंकड़े बढ़े हैं।रेलवे स्टेशन क्षेत्र में चोरी और लूट की सबसे ज्यादा घटनाएं, साउथ स्टेशन से बिलासपुर, सतना, जबलपुर एंड तरफ होती है। आउटर पर 24 घंटे पेट्रोलिंग नहीं होने से चोर-लुटेरे आसानी से ट्रेनों में चढ़ जाते हैं और वारदात कर उतर जाते हैं। स्टेशन के पहले ट्रेन की रफ्तार धीमी होने का फायदा उठाते हैं। ट्रेनों और रेलवे स्टेशन में बढ़ती चोरी की घटनाओं को लेकर जीआरपी ने सफाई दी है।  जीआरपी थाना प्रभारी एल पी कश्यप का कहना है कि मोबाइल गुम होने और चोरी की रिपोटों के कारण अपराध के आंकड़ों में इजाफा दिखाई दे रहा है। उनके मुताबिक हर महीने करीब 30 से 35 मामले दर्ज हो रहे हैं। इस साल अब तक हुई कुल चोरी की घटनाओं में से 90 प्रतिशत मामलों का खुलासा किया जा चुका है। बीते तीन माह में 30 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से चोरी गया सामान भी बरामद किया गया है, हालांकि कुछ मामलों का खुलासा अभी नहीं हो पाया हैए जिसके लिए टीम लगातार प्रयासरत है। अक्सर यात्री स्टेशन आने से पहले ही बैग गेट पर रख देते हैं, जिसे लुटेरे झपटकर फरार हो जाते हैं। बीते माह दो लूट की घटनाएं हुई, जिनके आरोपी बाद में पकड़े गए। सुरक्षा इंतजामों की कमी सवालों में है। प्रतिदिन करीब 15 हजार लोगों की आवाजाही रहती है। त्यौहार के बाद अब समर सीजन चल रहा हैं  ट्रेनों में भीड़ बढ़ रही है जिससे चोरों को अवसर मिल रहे है। चोरों की नजर खासतौर पर मोबाइल, लैपटॉप और महिलाओं के पर्स पर रहती है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि चोरी करने वाले आधे से ज्यादा अपराधी पहले भी पकड़े जा चुके हैं, फिर भी बेखौफ घूम रहे हैं।

कटनी, यशभारत। मानिकपुर-सतना से कटनी-शहडोल रेलखंड पर चोरों का आतंक एक बार फिर बढ़ता जा रहा है। हर दिन यात्री चोरी का शिकार हो रहे हैं, जिनमें महिला यात्री सबसे अधिक प्रभावित हैं। बीते तीन माह में 100 से ज्यादा चोरी की वारदाते हो चुकी है, जबकि बीते पंद्रह दिनों में ही 30 से अधिक मामले सामने आए हैं। चोरों ने जनरल से लेकर फस्र्ट एसी तक किसी कोच को नहीं छोड़ा। जीआरपी और आरपीएफ की निगरानी के दावे तब सवालों के घेरे में आ जाते हैं, जब प्लेटफॉर्म और वेटिंग हॉल तक से यात्रियों के कीमती सामान चोरी हो जाते हैं। कटनी स्टेशन से प्रतिदिन 125 ट्रेनें गुजरती हैं। लगभग सवा लाख यात्री सफ र करते हैं। स्टेशन पर भी 50 फीसदी चोरियां आउटर में होती है। इस मामले में जीआरपी पुलिस कहती है मोबाइल चोरी के कारण आंकड़े बढ़े हैं।रेलवे स्टेशन क्षेत्र में चोरी और लूट की सबसे ज्यादा घटनाएं, साउथ स्टेशन से बिलासपुर, सतना, जबलपुर एंड तरफ होती है। आउटर पर 24 घंटे पेट्रोलिंग नहीं होने से चोर-लुटेरे आसानी से ट्रेनों में चढ़ जाते हैं और वारदात कर उतर जाते हैं। स्टेशन के पहले ट्रेन की रफ्तार धीमी होने का फायदा उठाते हैं। ट्रेनों और रेलवे स्टेशन में बढ़ती चोरी की घटनाओं को लेकर जीआरपी ने सफाई दी है। जीआरपी थाना प्रभारी एल पी कश्यप का कहना है कि मोबाइल गुम होने और चोरी की रिपोटों के कारण अपराध के आंकड़ों में इजाफा दिखाई दे रहा है। उनके मुताबिक हर महीने करीब 30 से 35 मामले दर्ज हो रहे हैं। इस साल अब तक हुई कुल चोरी की घटनाओं में से 90 प्रतिशत मामलों का खुलासा किया जा चुका है। बीते तीन माह में 30 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से चोरी गया सामान भी बरामद किया गया है, हालांकि कुछ मामलों का खुलासा अभी नहीं हो पाया हैए जिसके लिए टीम लगातार प्रयासरत है। अक्सर यात्री स्टेशन आने से पहले ही बैग गेट पर रख देते हैं, जिसे लुटेरे झपटकर फरार हो जाते हैं। बीते माह दो लूट की घटनाएं हुई, जिनके आरोपी बाद में पकड़े गए। सुरक्षा इंतजामों की कमी सवालों में है। प्रतिदिन करीब 15 हजार लोगों की आवाजाही रहती है। त्यौहार के बाद अब समर सीजन चल रहा हैं ट्रेनों में भीड़ बढ़ रही है जिससे चोरों को अवसर मिल रहे है। चोरों की नजर खासतौर पर मोबाइल, लैपटॉप और महिलाओं के पर्स पर रहती है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि चोरी करने वाले आधे से ज्यादा अपराधी पहले भी पकड़े जा चुके हैं, फिर भी बेखौफ घूम रहे हैं।IMG 20250418 145738

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