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3 चरण में पंचायत, 2 चरण में नगरीय निकाय चुनाव:MP में बैलेट पेपर से तय होगी गांवों की सरकार, शहरों ने EVM से वोटिंग

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मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव दो चरणों में होंगे। वोटिंग EVM के जरिए होगी, जबकि पंचायत चुनाव बैलेट पेपर से 3 चरणों में होंगे। ये निर्णय गुरुवार को राज्य निर्वाचन आयोग की बैठक में लिया गया। बैठक में निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने कहा कि चुनाव के लिए सरकार तैयार हो जाए। सरकार के स्तर पर कोई कमी न रहे। पंचायत चुनाव पहले होंगे या नगरीय निकाय, ये फिलहाल तय नहीं हो पाया है।

राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने गुरुवार को कलेक्टर्स की बैठक बुलाई। इस दौरान मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस, डीजीपी सुधीर सक्सेना और होम एसीएस राजेश राजौरा मौजूद थे। बैठक में निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि हमें दो सप्ताह में दोनों चुनाव अनाउंस करना है। जून तक चुनाव हो जाना चाहिए। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी कलेक्टर्स को तैयारी करने के निर्देश दिए।

  1. उधर, चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के दौरान राज्य निर्वाचन आ[highlight color=”red”][/highlight]युक्त ने कलेक्टर्स से कहा कि नगरीय निकायों के चुनाव 2 चरण में, पंचायतों के चुनाव 3 चरण में करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि दोनों चुनाव साथ में कराना है, इसलिए ऐसी तैयारी करें कि कोई कठिनाई नहीं हो। उन्होंने कहा कि संवेदनशील और अति-संवेदनशील मतदान केन्द्रों की समीक्षा कर जानकारी जल्द उपलब्ध कराएं।
  2. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने OBC आरक्षण के बिना चुनाव कराने के लिए नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव कराने के निर्देश दिए हैं। दो सप्ताह में शेड्यूल जारी करना है। ऐसे में आयोग में बैठकों का दौर जारी है। आयुक्त ने एक दिन पहले बुधवार को नगरीय निकाय चुनाव पहले और पंचायत चुनाव बाद में कराने के संकेत दिए थे।

पंचायत चुनाव में नहीं होगा EVM का यूज

  • नगरीय निकायों के चुनाव में EVM, त्रि-स्तरीय पंचायतों के चुनाव में मतपत्र और मतपेटियों का उपयोग किया जाएगा। EVM की संख्या सीमित है, इसलिए पंचायतों का चुनाव EVM से करवाने पर 3 महीने से अधिक समय लगेगा, इसलिए मतपेटियों के माध्यम से पंचायतों का चुनाव कराने का निर्णय लिया गया है।

पार्षद चुनेंगे महापौर

  • मध्य प्रदेश में नगरीय निकायों के चुनाव उसी सिस्टम से होंगे, जैसा कमलनाथ चाहते थे। महापौर-अध्यक्ष के चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से होंगे। यानी नगर निगमों में महापौर – नगर पालिकाओं के अध्यक्षों को पार्षद चुनेंगे। इसे लेकर बैठक में चर्चा हुई। बता दें कि दिग्विजय सिंह के कार्यकाल के वक्त भी महापौर और निकाय अध्यक्ष ऐसे ही चुने जाते थे।

कलेक्टर्स को आयुक्त ने ये निर्देश भी दिए

  • नवीन प्रावधानों के अनुरूप पार्षदों के निर्वाचन व्यय के लेखा का संधारण व्यवस्थित रूप से कराएं।
  • रिजर्व EVM सुरक्षित तरीके से निर्धारित जगह रखवाएं।
  • कलेक्टर्स चुनाव सामग्री की उपलब्धता की समीक्षा कर लें।
  • मतदान पेटी का मेंटेनेंस करवा लें। मतपत्र मुद्रण के लिए सभी तैयारियां पहले से कर ली जाएं।

मतगणना स्थल समय पर निर्धारित करें

राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राकेश सिंह ने कहा कि रिटर्निंग और सहायक रिटर्निंग अधिकारी की नियुक्ति कर सूचित करें। जिम्मेदार अधिकारियों से मतदान केन्द्रों का सत्यापन कराएं। जरूरत पड़ने पर उनकी मरम्मत करवा लें। राजनैतिक दलों के साथ समय-समय पर बैठक करें। मतगणना स्थल समय पर निर्धारित कर लिए जाएं। जिला, नगरीय निकाय व ब्लॉक स्तर पर ट्रेनिंग के लिए मास्टर ट्रेनर्स का चयन कर लें।

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