मध्य प्रदेश

जहरीले कफ सिरप से अब तक 17 बच्चों की मौत,सीएम ने गुजरात सरकार को लिखा पत्र

छिंदवाड़ा के मासूम ने इलाज़ के दौरान तोड़ा दम

छिंदवाड़ा,यशभारत। जहरीले कफ सिरप कोल्ड्रिफ के सेवन से मध्यप्रदेश में कुल 17 बच्चों की मौत हो चुकी है। इनमें से 15 की पुष्टि अधिकृत है। मामले पर देशभर में बवाल मचा हुआ है। कई राज्य सिरप को बैन कर रहे हैं या सैंपल लिए जा रहे हैं। इधर, पूरे मामले में कदम-कदम पर प्रदेश का सिस्टम ही अमानक साबित हुआ। जब एक के बाद एक बच्चों की मौत होती रहीं। इस पर सियासत होने लगी तो सिस्टम नींद से जागा और कार्रवाई के कागज दौड़े।

छिंदवाड़ा निवासी नवीन डेहरिया की डेढ़ साल की बेटी धानी डेहरिया ने नागपुर में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। तामिया ब्लॉक के जूनापानी गांव में रहने वाले नवीन डेहरिया का कहना है कि धानी को भी कोल्ड्रिफ सिरप दिया गया था।उसे 26 सितंबर को नागपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराने से पहले परासिया में उसका इलाज डॉ. प्रवीण सोनी ने ही किया था। इस मौत के साथ ही छिंदवाड़ा जिले में मृत बच्चों का आंकड़ा अब 15 पर पहुंच गया है जबकि कुल संख्या 17 हो गई है।

स्वास्थ्य विभाग सप्लाई चेन पता करने में जुटा

सिरप रिलाइफ (Cough Syrup Relife) में 0.616% और रेस्पिफ्रेश-टीआर में 1.342% डाइएथिलीन ग्लाइकॉल मिला। यह 0.1 के आसपास होना चाहिए। जिन बच्चों की मौत हुई, उनमें से कई को ये सिरप दी गई थीं। स्वास्थ्य विभाग सप्लाई चेन पता कर रहा है। सिरप गुजरात से सप्लाई होती थीं। बैच एलएसएल 25160 की रिलाइफ सिरप का सैंपल अमानक मिला है। बैच जनवरी में निकला था। अंतिम अवधि दिसंबर 2026 है।

मध्य प्रदेश सरकार ने बनाई एसआईटी 

सीएम डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश के ड्रग कंट्रोलर दिनेश मौर्य को हटा दिया है। उन्होंने खाद्य एवं औषधि प्रशासन के उपसंचालक शोभित कोष्टा, छिंदवाड़ा के ड्रग इंस्पेक्टर गौरव शर्मा और जबलपुर ड्रग इंस्पेक्टर शरद जैन को सस्पेंड करने के निर्देश भी दिए हैं। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के संचालक दिनेश श्रीवास्तव को फूड और ड्रग कंट्रोलर का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है।सरकार ने मामले की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) बनाई है। जबलपुर, छिंदवाड़ा, बालाघाट और मंडला जिलों के ड्रग इंस्पेक्टर शामिल हैं।

 

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