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जबलपुरभोपालमध्य प्रदेशराज्य

10 जिलों के पुलिस कप्तान नहीं उतरे कार्यप्रणाली पर खरे , डीजीपी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में जताई नाराजगी

भोपाल। प्रदेश के दस पुलिस कप्तान अपनी कार्यप्रणाली को लेकर डीजीपी कैलाश मकवाना की नजर में खरे नहीं उतर रहे हैं। उनकी कार्यप्रणाली पर पुलिस महानिदेशक ने नसीहत भी दी है।

 

दरअसल, हालही में डीजीपी द्वारा समीक्षा के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग की गई जिसमें दस जिलों के पुलिस अधीक्षक का कामकाज अच्छा नहीं पाया गया है। डीजीपी की समीक्षा में कई एसपी अपराध नियंत्रण को लेकर खरे नहीं उतरे पाए तो कुछ एसपी ने कई मामलों की जानकारी तक नहीं होने की वजह से नाराजगी झेली। सूत्रों के मुताबिक जिन अफसरों का कामकाज स्तरीय नहीं पाया गया है, उनमें नवगठित जिले निवाड़ी, मऊगंज, मैहर और कटनी के अलावा छिंदवाड़ा, श्योपुर, रायसेन, मंडला, सिवनी और छतरपुर के पुलिस कप्तानों के नाम शामिल हैं।

 

दरअसल इन जिलों में अपराध नियंत्रण की स्थिति अच्छी नहीं पायी गई है। वहीं, रायसेन एसपी जुआ-सट्टा के मामले में जानकारी नहीं दे पाए। इस जिले में एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है। युवक की लाश रेलवे पटरी पर मिली थी। जिसका सिर, दोनों हाथ और दोनों पैर गायब थे।

 

इसकी जानकारी पुलिस ने मर्ग सूचना में दर्ज नही की थी। जिस पर डीजीपी ने रायसेन एसपी पर नाराजगी भी जताई थी। इधर, प्रदेश में गंभीर अपराधों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। वहीं आरोपियों की धरपकड़ में कमी सामने आयी है। दरअसल, डीजीपी का मानना है कि अगर पुलिस कप्तान सही तरीके से अपने -अपने जिलों में पर्यवेक्षण का काम करें तो अपराधों में कमी आएगी साथ ही आरोपी भी जल्द गिरफ्तार होंगे। इसके अलावा थाना स्तर पर भी कार्यप्रणाली में बदलव देखने को मिलेगा।

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