जबलपुर कृषि विज्ञान की बड़ी उपलब्धि: अब आसानी से होगी अनन्नास की खेती, किसानों को मिलेगा फायदा
जबलपुर, यशभारत। कर्नाटक, केरल, पश्चिम बंगाल, उत्तर पूर्वी भागों, बिहार, गोवा के बाद अब जबलपुर में भी अनन्नास की खेती बड़ी आसानी से हो सकेगी। इसकी एक तकनीकी जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने खोज निकाली है। संभवत पहली बार ऐसा होगा कि जबलपुर जिले के किसान अनन्नास की खेती करते नजर आएंगे।
कृषि विवि ने किसानों की आय दोगुनी के करने के लिए उद्यानिकी मॉडल के अंतर्गत केंद्र में फसल संग्रहालय ने अनन्नास लगाए गए जिनकी तुड़ाई जून माह २०२१ में की गई। जिसमें १ किग्रा से लेकर १.५ किग्रा फल प्राप्त हुए।
इस तकनीक से १८ माह बाद मिलते है फल
कृषि विज्ञान केन्द , जबलपुर की वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ . रश्मि शुक्ला ने जानकारी देते बताया कि केन्द्र की प्रदर्शन इकाई में अनन्नास के पौधे रेज्ड वेड तकनीकी से रोपित किया गया है , इस विधि से गुणवत्ता से पूर्ण फलों की 18 माह बाद प्राप्ति हुई , इस फलवाली फसल के परीक्षण से जो सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुये है इस तकनीक से हमारे अन्नदाता कृषक यदि अनन्नास खेती को अपनाते है तो अतिरिक्त आय का जरिया हो सकती है । इस फल को बाजार में थोक में प्रतिफल अच्छा मूल्य प्राप्त होने से एक लाभकारी उद्यम हो सकता है ।
देश में अनन्नास की कई किस्में
देश में अनन्नास की अनेक किस्म जैसे केव , जाइट केव , क्वीन , मारीशस , जल्धुप , लखात आदि उपलब्ध है लेकिन केव , जाइंट केव व क्लीन किस्म की हमारे भारतवर्ष में बहुतापन में खेती की जाती है । अनन्नास पोषक तत्वों से पूर्ण फल है इसके 100 ग्राम फल में 50 कैलोरी ऊर्जा रहती है तथा यह कोलेस्ट्राल रहित होता है । इसमें वसा 0.1 ग्राम सोडियम 1 ग्राम , पोटेशियम 10.9 मिली ग्राम , कुल काबोहज़ईड्रेट 13 ग्राम , रेटो -1.4 ग्राम शकज़्रा 10 ग्राम , प्रोटीन 0.1 ग्राम के साथ कैल्शियम , विटामिन डी , विटामिन बी -6 , मैग्नीशियम कोवालामिन आदि प्रचुर मात्रा में रहता है । कृषि विज्ञान केन्द्र , जबलपुर द्वारा कृषकों हेतु अनन्नास की खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है साथ ही प्रगतिशील कृषकों के खेतों पर इसकी खेती के अभिनव प्रयास किये जा रहे है । केन्द्र द्वारा किये गये अभिनव प्रयास को वि.वि. के कुलपति प्रो . प्रदीप कुमार बिसेन एवं निदेशक कृषि प्रोद्यौगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान , जबलपुर के डॉ . एस.आर.के. सिंह द्वारा भूरी – भूरी प्रशंसा की गई एवं इसे जिले के कृषकों हेतु अतिलाभकारी व आय में वृद्धि करने के दृष्टिकोण से उपयोगी बताया एवं संचालक विस्तार सेवाएँ डॉ . दिनकर प्रसाद शर्मा ने कृषि विज्ञान केन्द्र , जबलपुर द्वारा किये गये इस अभिनव प्रयोग की प्रशंसा की है साथ जिले के कृषकों हेतु और अधिक प्रचार प्रसार करने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि किसान इसका ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा सके । केन्द्र की प्रमुख डॉ . शुक्ला ने बतायाकि प्रदर्श न इकाई में लगे हुए इन पौधों को कृषक बंधु के दौरान अवलोकन कर उक्त पद्धति से इनका रोपण कर अतिरिक्त लाभ प्राप्त कर सकते है इस प्रकार अनन्नास की खेती कृषकों की आय दुगनी करने में मील का पत्थर सावित होगी ।