चोरी के कोयला से संजीवनी नगर की फिजा में घुल रहा जहर शाम से ही छा जा जाती है सिगड़ी, भट्टियों के धुएं की चादर
ट्रेन का कोयला चेारी कर घरों में हो रहा प्रयोग प्रदूषण से लोगों का जीना दुश्वार संजीवनी नगर की भूलन बस्ती, 90 क्वाटर क्षेत्र में रहने वाले लोग परेशान
जबलपुर, यशभारत। संजीवनी नगर की भूलन बस्ती में रहने वाले लोग परेशान है उसका कारण घरों से निकलने वाला धुआं है। दरअसल कुछ क्षेत्रीय लोग रेल्वे का कोयला चोरी उसका उपयोग घरों में कर रहे हैं और इनके घरों से निकलने वाला धुआं दूसरे लोगों को परेशानी में डाल रहा है। इससे सबसे ज्यादा परेशानी बुर्जुगों को हो रही है। इस समस्या को लेकर क्षेत्रीय लोगों ने अनेक बार नगर निगम के जोन कार्यालय में शिकायत की परंतु लोगोें को राहत नहीं मिली।
संजीवनी नगर भूलन बस्ती में रहने वाले लोगों ने बताया कि क्षेत्र के कुछ लोग ट्रेन से कोयला चोरी कर उसका उपयोग खाना बनाने से लेकर ईंट भट्टों में करते हैं। कोयला से सांस की बीमारी से लोग परेशान हो रहे है। क्षेत्रीय लोगों की माने तो काॅलोनी के कुछ लोग रात के वक्त कोयला चेारी करने पटरियों के पास पहंुच जाते हैं वहां से कोयला चेारी कर घरों में खाना बनाने के लिए उपयोग करते हैं।
चोरी के कोयला से बन रही स्थिति
शहर में जहां भी सिगड़ी में कोयला जलाया जा रहा है उसमें से एक तिहाई कोयला रेलवे से चोरी कर बाजार में बिकने वाला होता है। रेल पटरियों के किनारे की बस्तियों में कोयला चोरी करके बेचा जाता है, जिसे लोग कम दामों पर खरीदकर जला रहे हंै। जिसके बाद शहर में जगह-जगह कोयले का धुआं लोगों की जान का दुश्मन बना हुआ है। स्वांस रोगियों के लिए यह धुआं सबसे ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है। क्योंकि इस धुएं से उन्हें सांस लेने में तकलीफ होती है।
प्रदूषण फैला रहा है कोयला का धुआं
शहर के अधिकांश स्थानों पर खाना पकाने के लिए ईंधन के रूप में कोयले का उपयोग हो रहा है। पहले से ही प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे शहर में कोयले से जलने वाली सिगड़ी एक बड़ी समस्या बन गई है, जिससे शहर की फिजा में जहर घुल रहा है और प्रदूषण कम होने की जगह बढ़ रहा है। शहर के झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोग भी खाना पकाने और वार्डों में भी अधिकांश लोग ठंड में सिगड़ी जलाते हैं। यही नहीं खर्च बचाने के लिए कई ढाबा व होटल संचालक भी कोयला जलाया जाता है।
घरों में भर जाता है धुआं, सांस लेने में होती है तकलीफ
क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि धुआं फैलने के बाद ऐसा लगता है कि जैसे पूरी काॅलोनी कोहरे में ढंक गया हो। सड़क पर वाहनों की लाइट भी धीमी पड़ जाती है। शाम के समय स्थिति ज्यादा गंभीर हो जाती है। यही नहीं इस दौरान सांस लेने में भी लोगों को परेशानी होती है। शाम करीब छह बजे से देर रात तक काॅलोनी की सड़कों पर धुआं के कारण निकलना मुश्किल रहता है। साथ ही लोगों के घर में इतना ज्यादा धुआं भर जाता है उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगती है।