
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सोमवार को पूरे राज्य से उन आवारा कुत्तों को हटाने का आदेश दिया है, जो हिंसक हो चुके हैं। इस आदेश को पूरा करने के लिए नगर निगमों को अपने क्षेत्र के सभी आवारा कुत्तों की पहचान करनी होगी और उन्हें डॉग पाउंड में रखना होगा। आदेश चीफ जस्टिस विपिन संघी और जस्टिस रमेश चंद्र खुल्बे की बेंच ने जारी किया।
उत्तराखंड हाईकोर्ट में 2017 में नैनीताल के रहने वाले गिरीश चंद्र खोलिया ने एक जनहित याचिका लगाई थी। जिस पर ये फैसला सुनाया गया।
राज्य में कुत्तों के काटने के 11 हजार केस
जनहित याचिका में कहा गया था कि राज्य में कुत्तों के काटने के करीब 11 हजार केस आए हैं। यानी राज्य में आवारा कुत्तों से जनता को खतरा बढ़ गया है। इसी मामले में सुनवाई करते हुए पहले भी हाईकोर्ट ने 2018 में राज्य सरकार को 6 महीने के भीतर यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि राज्य भर में सड़कों पर आवारा कुत्ते न हों।